यूएन महासभा में सोवियत प्रीमियर ने लहराया जूता! भारत ने वियतनाम के साथ करार किया, जिससे चीन भड़का

इतिहास में आज का दिन बेहद खास है। शीत युद्ध चल ही रहा था। अमेरिका और रूस के बीच होड़ चरम पर थी। तभी 1960 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अंतिम दिन सोवियत प्रीमियर निकिता ख्रुश्चेव ने ऐसा कुछ किया कि वह पल सदा के लिए यादगार हो गया।

दरअसल, फिलीपींस के प्रतिनिधि ने बोलना शुरू किया था। वह पूर्वी यूरोप में राजनीतिक और नागरिक अधिकारों को दबाने की बात कर रहे थे। इतना सुनना था कि ख्रुश्चेव ने मुट्ठी बनाई और टेबल को जोर-जोर से पीटने लगे। फिर उन्होंने लोफर या सैंडल निकाले और उससे टेबल बजाने लगे।

वे जब तक ऐसा करते रहे, जब तक कि हॉल में सबकी निगाहें उनकी ओर नहीं आ गई थीं। इस पर ख्रुश्चेव ने कहा था कि खूब मजा आया! यूएन ऐसी संसद है, जहां अल्पमत में होने पर माइनॉरिटी को खुद का अहसास दिलाना पड़ता है। अभी हम अल्पमत में हैं, लेकिन ज्यादा वक्त तक नहीं रहेंगे। कई वर्षों तक यूएन के टूर गाइड्स से यही पूछा जाता कि वह टेबल कौन-सी थी, जिस पर ख्रुश्चेव बैठे थे और उन्होंने जूते से उसे बजाया था?

सिस्टर अल्फोंसा को मिला संत का दर्जा

पोप ने आज ही के दिन 2008 में सिस्टर अल्फोंसा को संत घोषित किया, जो भारत की पहली महिला संत बनी थीं। देश में गिरजाघरों के 2,000 साल के इतिहास में यह उपाधि पाने वाली वे पहली महिला हैं। उन्हें संत घोषित करने की प्रक्रिया 55 वर्ष पहले प्रारंभ हुई थी। इससे पहले पोप जॉन पाल द्वितीय ने उन्हें ‘धन्य’ घोषित किया था। कैथोलिक परंपरा में इसे ‘बेटिफिकेशन’ कहा जाता है।

सिस्टर अल्फोंसा का जन्म केरल में कोट्टायम के निकट एक गांव कुडामालूर में हुआ था। मात्र 36 वर्ष की उम्र में उनकी मौत हो गई थी। सिस्टर वेटिकन द्वारा संत घोषित की जाने वाली दूसरी भारतीय होंगी। इससे पहले संत गोंसालो गार्सिया को यह उपाधि दी गई थी। संत गार्सिया एक भारतीय मां और पुर्तगाली पिता की संतान थे। उनका जन्म सन 1556 में मुंबई के निकट वाशी में हुआ था।

भारत-वियतनाम में करार

भारत और वियतनाम ने 2011 में 12 अक्टूबर को ही वियतनाम के समुद्री इलाके में तेल की खोज करने के लिए करार किया था। इससे वियतनाम और चीन के रिश्तों में खटास आई थी, क्योंकि इस दक्षिण चीन सागर के इस इलाके में चीन दावा करता है। इस इलाके में प्रभुत्व को लेकर उसके कई देशों के साथ विवाद है।

इतिहास में आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः

  • 1860ः ब्रिटेन और फ्रांस की सेना ने चीन की राजधानी बीजिंग पर कब्जा जमाया।
  • 1911: डॉन ब्रैडमैन के जमाने में महान भारतीय क्रिकेटर विजय मर्चेन्ट का जन्म।
  • 1919ः भाजपा की संस्थापक सदस्य विजयाराजे सिंधिया का जन्म।
  • 1938ः प्रसिद्ध उर्दू शायर और गीतकार निदा फाजली का जन्म।
  • 1967: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी डॉ. राममनोहर लोहिया का निधन।
  • 1999ः पाकिस्तान में सेना के तख्ता पलट के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ सत्ता पर काबिज हुए।
  • 2000ः स्पेसक्राफ्ट डिस्कवरी को फ्लोरिडा से स्पेस में भेजा गया।
  • 2001ः संयुक्त राष्ट्र और उसके महासचिव कोफी अन्नान को संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई।
  • 2004ः पाकिस्तान ने गौरी-1 मिसाइल का परीक्षण किया।
  • 2007ः अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर व संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय पैनल (आईपीसीसी) को संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया।

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Source: DainikBhaskar.com

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