हाईस्पीड ट्रेनों में लगेंगे सिर्फ AC Coaches, जानें किराये पर कितना पड़ेगा असर – News18 हिंदी

इंडियन रेलवे हाई स्‍पीड ट्रेनों में सिर्फ एसी कोच लगाने की तैयारी कर रहा है.

भारतीय रेलवे (Indian Railways) 130 किमी से ज्‍यादा रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों में नॉन-एसी कोच (Non-AC Coaches) हटाकर सिर्फ एसी बोगियां (AC Coaches) लगाएगी. रेलवे का कहना है कि हाई स्‍पीड ट्रेनों (High Speed Trains) में एसी कोच लगाना तकनीकी तौर पर जरूरी होता है.

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  • Last Updated:
    October 11, 2020, 5:19 PM IST
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नई दिल्‍ली. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने 130-160 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार से चलने वाली हाईस्‍पीड ट्रेनों (High Speed Trains) में नॉन एसी कोच को हटाकर सिर्फ एसी बोगियां (AC Coaches) लगाने का फैसला किया है. साथ ही सभी अटकलों को विराम देते हुए रेलवे ने कहा कि 110 किमी प्रति घंटा की स्‍पीड से चलने वाली ट्रेनों में पहले की तरह गैर एसी कोच (Non-AC Coaches) चलते रहेंगे. रेलवे अपने ट्रैक्‍स की क्षमता (Tracks Capacity) में विस्तार कर रहा है ताकि मुसाफिरों को ज्‍यादा आराम, सुविधा और कम समय में उनके डेस्टिनेशन तक पहुंचाया जा सके.

तकनीकी तौर पर जरूरी होते हैं हाई स्‍पीड ट्रेनों में एसी कोच
रेलवे ने कहा कि 130 किमी प्रति घंटा से ज्‍यादा की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों में एसी कोच लगाना तकनीकी तौर पर जरूरी होता है. हवा और मौसम के कारकों को देखते हुए निश्चित प्रकार के कोच ही हाई स्पीड में चलाए जा सकते हैं. लिहाजा, भारतीय रेलवे अपने रेल नेटवर्क को हाई स्‍पीड क्षमता में अपग्रेड करने के लिए व्यापक योजना पर काम कर रहा है. स्वर्णिम चतुर्भुज (Golden Quadrilateral)और Diagonals ट्रैक पर 130 से 160 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनें चलाने पर काम चल रहा है. रेलवे ने साफ कहा कि इसका ये मतलब नहीं है कि सभी ट्रेनों के नॉन-एसी कोच को एसी कोच में बदला जा रहा है.

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आरसीएफ पर एसी कोच के प्रोटोटाइप को विकसित किया जा रहा है. अभी 83 बर्थ कोच को डिजाइन किया जा रहा है, जबकि चालू वर्ष में ऐसे 100 कोच बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. भारतीय रेलवे दिसंबर 2021 तक ऐसे 200 कोच बनाने जा रहा है. रेलवे ने दावा किया है कि इन मॉडिफाइड एसी कोच में सफर करने के लिए यात्रियों को बहुत ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा. सफर के दौरान इन ट्रेनों में यात्रियों को अधिक सुविधा और आराम मिले यह सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं, ट्रेनों की स्पीड बढ़ने से मुसाफिर अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंच जाएंगे. फिलहाल दिल्ली-कोलकाता और दिल्ली-मुंबई रूट पर ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चलाने की दिशा में काम चल रहा है.

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