अवधि: दो घंटे पांच मिनट
स्टार: ढाई स्टार
कहां देखें: नेटफ्लिक्स
अपने मिजाज की रोमांटिक कहानियां देने वालों में लव रंजन और इम्तियाज अली का नाम इस दौर में प्रमुखता से लिया जाता है। दोनों अपने ट्रीटमेंट में लाग लपेट नहीं रखते। लव रंजन युवतियों के नजरिए से लाउड रॉम-कॉम देते रहे हैं। इम्तियाज अली के किरदारों में रिश्तों को लेकर कन्फ्यूजन रहा है। लेकिन फिल्म ‘गिन्नी वेड्स सन्नी’ के डायरेक्टर पुनीत खन्ना उन दोनों मेकर्स के प्यार के फलसफे को ढंग से पिरोने में नाकाम रहे हैं।
विक्रम मैसी और यामी गौतम स्टारर इस फिल्म की स्ट्रीमिंग ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर शुरू हो गई है। फिल्म में दिल्ली एनसीआर के पंजाबी परिवारों में शादी को लेकर चिरपरिचित सनक के जरिए कॉमेडी पैदा करने की कोशिश की गई है। कहीं-कहीं ये हंसाती है, पर ढेर सारे मौकों पर उबाऊ लगी है। नायक सतनाम सेठी ऊर्फ सन्नी (विक्रांत मैस्सी) है, जो शादी को लेकर बेताब है, क्योंकि उसी शर्त पर उसके पिता (राजीव गुप्ता) उसे दुकान देंगे।
इस चक्कर में वो कइयों से रिश्ते का करार करता है, मगर विफलता हाथ लगती है। नायिका गिन्नी (यामी गौतम) एक बेहद कन्फ्यूज्ड आत्मा है। निशांत (सुहैल नायर) से ब्रेकअप हुए डेढ़ साल हो चुके हैं, पर मूव ऑन नहीं कर पा रही। उसकी मां शोभा जुनेजा (आयशा रजा) मैच मेकर है, पर अपनी बेटी की शादी नहीं करवा पा रही।
सन्नी असल में गिन्नी को चाहता बहुत है, मगर उसे भाव नहीं मिलता। फाइनली किसकी शादी किससे और कैसे शादी हो पाती है, फिल्म उसी सफर के बारे में है।
नायक और नायिका के परिवारों की जो सनक है, वह काफी क्लीशे है। जिन्हें पहले भी इस जॉनर की कई फिल्मों में आजमाया जा चुका है। खासकर लव रंजन के बैनर की फिल्मों में। गिन्नी की वर्तमान, भूत और भविष्य को लेकर जो उलझनें हैं, वो इम्यिताज अली की कहानियों का फीका संस्करण है।
इम्तियाज अली ही नहीं, जयदीप साहनी भी इस तरह के युवाओं को अपनी फिल्मों में दिखा चुके हैं। ‘शुद्ध देसी रोमांस’ में एक सीन है, जहां ऋषि कपूर सुशांत सिंह राजपूत से कहते हैं, ‘आज के युवा सिचुएशन से भागते बहुत हैं। पहले एक-दूसरे के पीछे भागते हैं। फिर एक-दूजे से दूर भागते हैं। सब भागते ही रहेंगे कि कभी ठहरेंगे भी।’
यहां गिन्नी और निशांत की यही प्रॉब्लम है, जो फिल्म में मोड़ लाती रहती है। सन्नी टिपिकल लव रंजन के सन्नी सिंह की तरह बिहेव कर रहा होता है, जो मासूम सा है। लड़कियों के साथ कैसे पेश आए, उसे उसकी समझ नहीं। यानी फिल्म में नयापन जरा कम है।
गनीमत है कि विक्रांत मैसी, यामी गौतम, राजीव गुप्ता, आयशा रजा और सुहैल नायर ने अपनी अदाकारियों से फिल्म की नैय्या पार लगाई है। गीत-संगीत ने भी इसे मजबूत सहारा दिया है। ‘स्त्री’ वाले सुमित अरोड़ा और ‘जय मम्मी दी’ फेम नवजोत गुलाटी ने इसके संवाद लिखे हैं। वो भी एक हद तक कमजोर राइटिंग और डायरेक्शन को कवर अप करते हैं।
कुछ डायलॉग्स में भी कन्फ्यूजन हैं। जैसे फिल्म की शुरूआत में सन्नी से एक युवती कहती है, ‘गारंटीड रिटर्न चाहिए तो म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करो, रिश्ते में मत करो।’ जबकि हकीकत यह है कि म्युचुअल फंड तो खुद बाजार जोखिमों के अधीन हैं।
Source: DainikBhaskar.com