हाथरस कांड: पांचवीं बार पीड़िता के गांव पहुंची एसआईटी, बुधवार को शासन को सौंप सकती है रिपोर्ट – Navbharat Times

लखनऊ
हाथरस कांड की जांच कर रही एसआईटी बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप सकती है। मंगलवार को एसआईटी पांचवी बार पीड़िता के गांव बूलगढ़ी पहुंची और पीड़िता के परिवार के लोगों से मुलाकात की। साथ ही टीम के सदस्यों ने घटनास्थल के साथ उस स्थान का फिर से मुआयना किया, जहां पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार किया गया था।

29 सितंबर को सीएम ने गृह सचिव भगवान स्वरूप के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर सात दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। बूलगढ़ी गांव पहुंची एसआईटी के साथ फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी मौजूद थे। टीम के सदस्यों ने गांव के लोगों से बातचीत कर उनके बयान दर्ज किए। अब एसआईटी इस बात की भी जांच कर रही है कि बूलगढ़ी में पीएफआई ने कैसे अफवाहों को बल दिया और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश रची।

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पुलिसकर्मियों से भी की गई बातचीत
एसआईटी ने वहां के स्थानीय चंदपा थाने भी गई, जहां घटना को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है। टीम ने थाने से एफआईआर को लेकर ब्योरा जुटाया और घटना के दौरान थाने की ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मियों से भी बातचीत की।












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14 सितंबर को हुई कथित गैंगरेप की वारदात
हाथरस के चंदपा इलाके के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप की वारदात हुई थी। इसमें गांव के ही चार युवकों पर रेप का आरोप लगा थी, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इलाज के दौरान पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद हाथरस में तनावपूर्ण हालात बन गए थे, जिसके बाद सीएम योगी ने पूरे कांड की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। इसके अलावा सीएम ने इस घटना के बाद असामाजिक तत्वों द्वारा प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा कराने की साजिश की बात भी कही थी।

हाथरस जाते वक्त चार संदिग्ध गिरफ्तार
दूसरी ओर हाथरस जाते समय सोमवार देर रात यूपी पुलिस ने चार संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा, उनके कब्जे से संदिग्ध साहित्य मिला है, जो शांति व्यवस्था भंग कर सकता है। पूछताछ किए जाने पर इनका संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहसंगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से निकला है।’

गिरफ्तारों में सीएए हिंसा का आरोपी भी शामिल
गिरफ्तार हुए एक शख्स का नाम अतीकुर्रहमान उर्फ अतीक हैं। वह मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। काम की वजह से दिल्ली में ज्यादा रहता हैं। पुलिस के मुताबिक, उस पर 20 दिसबंर 2019 को नागरिक संशोधन कानून के विरोध में मुजफ्फरनगर में हिंसा भड़काने का आरोप है। गिरफ्तार बाकी तीन लोगों के नाम- सिद्दीकी, मसूद अहमद और आलम हैं। सिद्दीकी केरल के मल्लपुरम के रहने वाले हैं। वह दिल्ली में पत्रकार हैं। केरल ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की दिल्ली यूनिट के सेक्रेटरी हैं। आलम ने भी खुद को पत्रकार बताया है।

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