पटना. बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आखिरकार एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन चुकी है. सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक जेडीयू और बीजेपी में कई राउंड की चली मैराथन वार्ता के बाद लोकसभा की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी बराबर बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का सहमति बनी है. सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक जेडीयू अपने कोटे से मांझी की पार्टी हम को सीटें साझा करेगी लेकिन एलजेपी की अब तक एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाई है.
रामविलास पासवान की हार्ट सर्जरी की वजह से एलजेपी की कल संसदीय बोर्ड की बैठक स्थगित हो गई थी. अकेले चुनाव लड़ने या एनडीए में बने रहने को लेकर एलजेपी की संसदीय बोर्ड की आज एक अहम बैठक होगी. इस बीच बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति की आज शाम बैठक बुलाई गई है जिसमें उम्मीदवारों की सूची पर मुहर लगेगी. एनडीए में गठबंधन की स्थिति में फर्स्ट फेज की 71 सीटों में से आधी सीटों पर बीजेपी ने उम्मीदवारों की घोषणा की तैयारियां कर ली है.
बीजेपी ने गया, भभुआ, चैनपुर, रामगढ़, मोहनिया(सु), गोह, बांका, लखीसराय, बाढ़, गुरूआ, हिसुआ, वरसलीगंज, झाझा की जीती हुई सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए हैं जिस पर केंद्रीय चुनाव समिति की मुहर लगनी है. बीजेपी ने फर्स्ट फेज के लिए दूसरे नंबर की सीटों पर भी उम्मीदवारों के नामों के पैनल पर चर्चा कर ली है उनमें आरा, बड़हरा, संदेश, अगिआंव, शाहपुर, ब्रम्हपुर, बक्सर, राजपुर(सु), सासाराम, दिनारा, नोखा, काराकाट, अरवल, नवीनगर, औरंगाबाद, बोधगया, वजीरगंज, रजौली(सु), गोविंदपुर, जमुई, अमरपुर,कटोरिया(सु),बेलहर ,मुंगेर, सूर्यगढ़ा, पालीगंज, विक्रम की सीटें हैं.
इस बीच राजद से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक पार्टी रविवार को अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा किसी भी वक्त कर सकती है. दरअसल बिहार में पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को ही होना है जिसमें काफी कम वक्त रह गया है ऐसे में सीटों के बंटवारे पर स्थिति साफ होने के बाद लालू प्रसाद की पार्टी राजद आज (रविवार) अपने फर्स्ट फेज के उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकता है.पार्टी से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक किसी भी वक्त राष्ट्रीय जनता दल के बिहार चुनाव से संबंधित प्रत्याशियों की सूची सामने आ सकती है. इसके साथ ही पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि बिहार चुनाव को लेकर चरणबद्ध तरीके से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जाएगा ताकि उनको अपने इलाके में चुनाव प्रचार करने का पर्याप्त समय मिल सके.
इनपुट- दिवाकर तिवारी