बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- मानसून में जिस तरह ऑफिस तोड़ा गया, उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते, कल से याचिकाकर्ता की दलीलें सुनेंगे

कंगना रनोट के ऑफिस तोड़ने के मसले पर अब बॉम्बे हाईकोर्ट कल सुनवाई करेगा। गुरुवार को कंगना की अर्जी पर सुनवाई के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत और बीएमसी अफसर भाग्यवंत लाते ने जवाब दाखिल करने के लिए और वक्त मांगा। अदालत ने शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है। हाईकोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए कहा कि मानसून में जिस तरह ऑफिस तोड़ा गया है, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बुधवार को भारी बारिश की वजह से हाईकोर्ट बंद हो जाने के कारण सुनवाई गुरुवार के लिए टल गई थी।

‘कार्रवाई तो आप लोगों ने तेजी दिखाई’

हाईकोर्ट ने इस मामले में बीएमसी से 18 सितंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा था। कुछ और वक्त दिए जाने की मांग पर जज ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब कार्रवाई करने की बात थी तो आपने बहुत तेजी दिखाई। जब जवाब देने की बात आई तो सुस्ती दिखाई जा रही है। किसी का घर तोड़ दिया गया है। अदालत बरसात के मौसम में उस ढांचे को इस तरह से रहने नहीं दे सकती। बीएमसी को जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने कल दोपहर 3 बजे तक का समय दिया है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्ट्रेस के ऑफिस पर बुलडोजर चलाने का आदेश देने वाले अधिकारी और शिवसेना के सांसद संजय राउत को पक्षकार बनाने की बात कही थी। कंगना की तरफ से संजय राउत के ‘उखाड़ दिया’ वाले बयान कि सीडी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दी गई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया।

9 सितंबर को तोड़ा गया था ऑफिस

कंगना के पाली हिल्स स्थित ऑफिस के कुछ हिस्सों को बीएमसी ने 9 सितंबर को तोड़ दिया था। इसके बाद एक्ट्रेस ने हाईकोर्ट का रुख किया था। अदालत ने इस मामले में कंगना से 14 सितंबर को और बीएमसी से 18 सितंबर को जवाब मांगा था। एक्ट्रेस की ओर से सोमवार को सप्लीमेंट्री एफिडेविट दायर किया गया था।

‘मेरा घर तोड़ने की जगह बिल्डिंग पर ध्यान देते तो बच जाती 50 लोगों की जान’

इस बीच गुरुवार को एक्ट्रेस कंगन रनोट ने भिवंडी में हुए हादसे पर बीएमसी, सीएम उद्धव ठाकरे और संजय राउत पर निशाना साधा है। भिवंडी में दो दिन पहले हुए इमारत हादसे में अबतक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

बीएमसी के आरोप से कंगना का आरोप

इससे पहले कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बीएमसी के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि उनके दफ्तर पर की गई बीएमसी की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण थी। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि जब कार्रवाई हुई, उस दौरान उनके दफ्तर में कोई निर्माण कार्य चल रहा था। वहीं दूसरी तरफ बीएमसी अवैध निर्माण का कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाई है।

उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि तोड़फोड़ को अवैध घोषित करने और बीएमसी द्वारा मुआवजे के तौर पर दो करोड़ रुपये की मांग वाली उनकी याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। हलफनामे में उन्होंने कहा, “मैं इस बात से इनकार करती हूं कि मैंने गैरकानूनी रूप से कुछ जोड़ा या बदलाव किया। ये आरोप गलत हैं।”

बीएमसी ने अपने हलफनामे में कही थी यह बात

बीएमसी ने पिछले हफ्ते अपने वकील जोएल कार्लोस के जरिये रनोट की याचिका के जवाब में जस्टिस एसजे कथावाला की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हलफनामा दायर किया था। बीएमसी ने कहा था कि अभिनेत्री ने इमारत में बिना इजाजत बदलाव किये थे। हमारे अधिकारी 9 सितंबर को उन बदलावों को तोड़ने के दौरान सिर्फ नियमों का पालन कर रहे थे। बीएमसी ने हाईकोर्ट से कंगना की याचिका को रद्द करने की अपील की थी। यह भी कहा कि एक्ट्रेस पर याचिका दायर करने का जुर्माना भी लगना चाहिए, क्योंकि उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया।

9 सितंबर को बीएमसी की ओर एक्ट्रेस कंगना रनोट के पाली हिल्स वाले ऑफिस पर बुलडोजर चलाया गया था।

Source: DainikBhaskar.com

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