Parliament Session: निलंबित राज्यसभा सांसदों के समर्थन में लोकसभा से विपक्ष का वॉकआउट, कृषि मंत्री बोले- कांग्रेस के दांत खाने के और, दिखाने के और – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • राज्यसभा के 8 निलंबित सांसदों के मुद्दे की गूंज लोकसभा में, अधीर रंजन चौधरी ने उठाया मुद्दा
  • अधीर रंजन चौधरी बोले- राज्यसभा और लोकसभा जुड़वा भाइयों की तरह…
  • संसदीय कार्य मंत्री बोले- उपसभापति की पिटाई करने की हद तक ये लोग गए, पर मैं इसकी चर्चा नहीं करना चाहता
  • वॉकआउट करने वाले विपक्ष के सांसदों के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की बैठक

नई दिल्ली
कृषि बिल (Farm Bill 2020) पर चर्चा के दौरान हंगामा करने के आरोप में राज्‍यसभा से निलंबित हुए आठ सांसदों के मुद्दे पर घमासान लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को लोकसभा में राज्यसभा सांसदों के निलंबन (Rajyasabha MPs Suspend) का मुद्दा उठा, जिसमें कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्षी दलों के सदन का बहिष्कार करने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विपक्षी दलों के सांसदों के साथ एक बैठक की। संसद भवन परिसर में ही हुई इस बैठक में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले समेत विपक्षी सांसद शामिल हुए। इस दौरान आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।

अधीर रंजन बोले- राज्यसभा और लोकसभा जुड़वा भाइयों की तरह
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में राज्यसभा के निलंबित सांसदों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा और लोकसभा जुड़वा भाइयों की तरह हैं…अगर कोई दुःख में होता है, तो दूसरे को संभालना पड़ता है। हमारा मुद्दा कृषि बिल से संबंधित है, हम चाहते हैं कि इसे वापस लिया जाए। अगर कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर इसे वापस लेने के लिए सहमत होते हैं, तो हमें सत्र जारी रखने में कोई समस्या नहीं है।’

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‘दूसरे सदन में क्या कहा होता है, इसकी चर्चा कभी नहीं हुई’
वहीं, संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि दूसरे सदन में क्या होता है, इसकी चर्चा इस सदन में कभी नहीं हुई। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब इस पर चर्चा की जा रही है। उपसभापति की पिटाई करने की हद तक ये लोग गए, पर मैं इसकी चर्चा यहां नहीं करना चाहता। जिसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट का फैसला ले लिया।












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कृषि मंत्री ने कहा- कांग्रेस के दांत खाने के और, दिखाने के और
इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि कांग्रेस के दांत खाने के और हैं, दिखाने के और हैं। वो सदन में कुछ और कहते हैं और बाहर कुछ और कहते हैं। विरोध करने वाले किसान नहीं हैं, वे कांग्रेस से संबंधित हैं, राष्ट्र यह जानता है। सुधार से किसानों को मदद मिलेगी और उनकी आय को बढ़ावा मिलेगा। कांग्रेस ने अपने शासन काल में स्वामीनाथ अय्यर आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया। पीएम मोदी की सरकार ने उनकी सिफारिशें मानीं।

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विपक्षी सांसदों के साथ लोकसभा स्पीकर ने की बैठक
कृषि मंत्री ने कहा कि सोमवार को रबी की फसलों के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की जो घोषणा की गई है, वह एमएसपी के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी चाहती थी कि ये सुधार लागू हों लेकिन वे बिचौलियों के दबाव के कारण ऐसा नहीं कर पाए। इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तोमर साहब (कृषि मंत्री) से काफी उम्मीद थी लेकिन उन्होंने किसानों के बारे में कुछ नहीं कहा। राज्यसभा के निलंबित सदस्यों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम अपने जुड़वां भाई के साथ खड़े हैं। किसानों के मुद्दे पर हमारी पार्टी (कांग्रेस) और सभी विपक्षी दल लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करते हैं। इसके बाद सदन से कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, टीआरएस और बसपा जैसे दलों ने सदन से वॉकआउट किया।

राज्यसभा के निलंबित सांसद धरने पर
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों के वॉकआउट के बाद लोकसभा स्पीकर ने उनके साथ बैठक की है। इसमें कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, एनसीपी से सुप्रिया सुले समेत दूसरे सदस्य शामिल हुए हैं। इससे पहले राज्‍यसभा से निलंबित किए गए आठों सांसद सोमवार रातभर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने मौजूद रहे। सभापति वेंकैया नायडू ने रविवार को सदन में हंगामा करने और उपसभापति से बदसलूकी के लिए सस्‍पेंड किया था। सोमवार दोपहर से धरना दे रहे राज्य सांसदों से मिलने मंगलवार सुबह खुद डिप्‍टी चेयरमैन हरिवंश पहुंच गए। वह अपने साथ एक झोला लाए थे जिसमें सांसदों के लिए चाय थी। हरिवंश ने अपने हाथों से चाय निकाली। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने चाय पीने से इनकार कर दिया। उन्‍होंने उन सांसदों से बेहद गर्मजोशी से बात की, जिनमें से कुछ का व्‍यवहार रविवार को उनके प्रति ठीक नहीं था।

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