राज्‍यसभा निलंबन: सांसद माफी मांग लें तो बहाली के बारे में सोचेंगे, सरकार ने दिया ऑफर – Navbharat Times

हाइलाइट्स:

  • रविवार को राज्‍यसभा में हंगामा करने पर 8 सांसद हुए थे निलंबित
  • संसद में ही धरने पर बैठे, मंगलवार दोपहर को खत्‍म हुआ धरना
  • सभापति ने कहा, निलंबित सांसद समझ ही नहीं पा रहे क्‍या गलती हुई
  • सरकार ने कहा, माफी मांग लें सांसद तो वापस हो सकता है निलंबन

नई दिल्‍ली
राज्‍यसभा सांसदों के निलंबन के मामले ने विपक्ष को मौका दे दिया है। पहले से कोरोना वायरस, अर्थव्‍यवस्‍था और कृषि बिलों को लेकर घिरी सरकार के लिए यह एक और चुनौती है। विपक्ष ने संसद के बहिष्‍कार की बात कही है। दूसरी तरफ, सरकार ने कहा है कि अगर निलंबित सांसद अपने व्‍यवहार के लिए माफी मांग लें तो उनकी बहाली पर विचार हो सकता है। मंगलवार को सदस्‍यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए राज्‍यसभा में कांग्रेस के नेतृत्‍व में विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बात कही।

एक ट्वीट के बाद हंगामा करने लगे सांसद: प्रसाद
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम निलंबन वापस लेने पर तभी विचार करेंगे जब निलंबित सदस्‍य राज्‍यसभा में अपने व्‍यवहार के लिए क्षमा मांग लेंगे। हमें आशा थी कि कांग्रेस की ओर से विपक्षी सदस्‍यों के ऐसे आचरण का विरोध होगा।” उन्‍होंने कहा कि ये कैसी राजनीति है कि एक ट्वीट विदेश से आता है और सांसद ऐसे व्‍यवहार करने लगते हैं। प्रसाद का इशारा राहुल गांधी के ट्वीट की ओर था। वे अभी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ उनके मेडिकल चेकअप के लिए विदेश गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि रविवार को सरकार के पास कृषि बिल पास कराने के लिए स्‍पष्‍ट बहुमत था।

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मौजूदा मॉनसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला होने के बाद निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और निलंबित सांसदों में एक राजीव सातव ने कहा, ‘‘विपक्ष इस सत्र में उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। ऐसे में हमने धरना खत्म कर दिया है। अब हम सड़क पर आंदोलन करेंगे।’’












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विपक्ष ने सरकार के सामने रखीं अपनी मांगें
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी अजाद ने कहा, “जब तक हमारी तीन मांगें पूरी नहीं होतीं, विपक्ष सत्र का बहिष्कार जारी रखेगा। हम आठ सांसदों के निलंबन को रद्द करने, एक अन्य विधेयक लाने जिसके तहत कोई भी निजी कंपनी एमएसपी से नीचे कृषि उपज नहीं खरीद सके और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हैं।”

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अब शुरू हुई उपवास पॉलिटिक्‍स
दूसरी तरफ, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने घोषणा की है कि वह रविवार को हुई घटना के विरोध में एक दिन का अनशन करेंगे। वह मंगलवार सुबह धरने पर बैठे सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे थे मगर उन्‍होंने चाय लेने से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश के इस कदम को ‘लोकतंत्र का एक सबक’ बताया है। उन्‍होंने हरिवंश का राज्‍यसभा चेयरमैन एम वेंकैया नायडू को लिखा पत्र भी साझा किया। वहीं, एनसीपी के अध्‍यक्ष शरद पवार ने भी निलंबित सांसदों के पक्ष में एक दिन का उपवास रखने की बात कही है।

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