न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sun, 20 Sep 2020 09:04 PM IST
राज्यसभा में हुए हंगामा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते छह कैबिनेट मंत्री
– फोटो : ANI
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राज्यसभा में हुई घटना को लेकर रविवार शाम करीब 7.30 बजे मोदी सरकार के छह दिग्गज मंत्रियों राजनाथ सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, थावरचंद गहलोत और मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिर्फ दो मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्तार अब्बास नकवी ने ही अपनी बात रखी, बाकी मंत्रियों के बोले बिना ही प्रेस वार्ता को खत्म कर दिया गया।
विपक्षी सांसदों ने फाड़ी रूल बुक
राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘राज्यसभा में कृषि से संबंधित दो विधेयकों पर चर्चा चल रही थी उस समय राज्यसभा में जो हुआ वह दुखद था, दुर्भाग्यपूर्ण भी था और उससे भी आगे जाकर मैं कहना चाहूंगा कि वो अत्यधिक शर्मनाक था।’ उन्होंने कहा कि राज्यसभा में उप सभापति के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ, उसे सभी ने देखा। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों के इस व्यवहार से लोकतंत्र की गरिमा पर आंच आई है। उन्होंने कहा कि जब-जब संसद की मर्यादा टूटती है, तब-तब लोकतंत्र की गरिमा पर आंच आती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘सदन में चर्चा कराना सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी है, लेकिन विपक्ष का भी यह भी कर्तव्य है कि सदन की गरिमा बनाए रखें।’
राज्यसभा में क्या हुआ?
कृषि से जुड़े दो विधेयकों पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जब राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे, तभी अभूतपूर्व हंगामा हुआ। दरअसल, केंद्रीय मंत्री तोमर के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद वेल में पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने माइक तोड़ा और कागज फाड़े। साथ ही उपसभापति से विधेयक छीनने की कोशिश भी की।
विधेयकों पर बहस के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अपना जवाब दे रहे थे, लेकिन उनके जवाबों से असंतुष्ट टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन वेल में पहुंच गए और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को हाउस रूल बुक दिखाई। इसके अलावा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सदस्य भी वेल में पहुंच गए।