भाजपा ने राजस्थान विधानसभा में अविश्वासमत का प्रस्ताव लाने का फैसला किया है.
राजस्थान विधानसभा ( Rajasthan Legislative Assembly) में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) ने ऐलान किया है कि कल से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में उनकी पार्टी अविश्वासमत का प्रस्ताव लाएगी. भाजपा के इस कदम से कांग्रेस खेमे में हलचल मच सकती है.
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विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी की तरफ से अविश्वासमत का प्रस्ताव लाने के ऐलान से प्रदेश की सियासत एक बार फिर गर्माने के संकेत मिल रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने साफ कहा कि बीजेपी और उसके सहयोगी दल कल विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे. इससे पहले बीजेपी प्रदेश इकाई के प्रमुख सतीश पूनिया ने भी यही बयान दिया है.
We are bringing a no-confidence motion tomorrow in the Assembly along with our allies: Gulab Chand Kataria, Leader of Opposition in #Rajasthan Assembly pic.twitter.com/5Pwbift3yQ
— ANI (@ANI) August 13, 2020
इधर, राजस्थान विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने जा रही है. राजधानी जयपुर में सीएम गहलोत के सरकारी आवास पर आज शाम 5 बजे से यह बैठक होगी. गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के शामिल होने को लेकर भी आज सुबह से अटकलें लगाई जा रही थीं. कहा जा रहा था कि इस बैठक में बगावती तेवर अपनाने वाले विधायकों को नहीं बुलाया जाएगा. लेकिन दोपहर बाद स्थिति साफ हो गई. कांग्रेस की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया कि विधायक दल की बैठक में सीएम गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात होगी. इसके बाद सभी विधायकों के आने की बातें भी साफ हो गई हैं.
There are a lot of differences in the government. The way they have struggled, there are chances that they might bring a vote of confidence in the Assembly but we are also ready to bring a no-confidence motion: Satish Punia, BJP Rajasthan President pic.twitter.com/JsRyIxN3OL
— ANI (@ANI) August 13, 2020
बहरहाल, कांग्रेस में मचा घमासान शांत होने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफ़ाकी हुई है उसे भूलकर डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है. सीएम गहलोत ने गुरुवार को एक के बाद एक कई ट्वीट करके कहा कि ‘सेव डेमोक्रेसी’ हमारी प्रायोरिटी होनी चाहिए. गहलोत ने अपने ट्वीट्स में कहा कि, ‘कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में डेमोक्रेसी को बचाने की है. पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफ़ाकी हुई है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें फॉरगेट एन्ड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है.