India China Faceoff: सैन्य वार्ता में भारत ने कहा- डेपसांग सेक्टर से अपने सैनिकों को बुलाए चीन, निर्माण कार्य भी रोके – Navbharat Times

अड़ियल चीन के खिलाफ भारत का बड़ा फैसला
हाइलाइट्स

  • भारत-चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
  • भारत ने चीन से डेपसांग सेक्टर में अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा
  • साथ ही भारत ने चीन से स्पष्ट शब्दों में निर्माण गतिविधियों को रोकने के लिए भी कहा
  • तीसरी इन्फेंट्री डिविजन के जनरल अफसर कमांडिंग मेजर जनरल अभिजीत बापट ने बातचीत का नेतृत्व किया

नई दिल्ली

भारत ने चीन से पूर्वी लद्दाख के रणनीतिक रूप से बेहद अहम डेपसांग-दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में अपने सैनिकों को वापस बुलाने और निर्माण गतिविधियों को रोकने के लिए कहा है। इस इलाके में हजारों सैनिकों की तैनाती के साथ-साथ टैंक और आर्टिलरी गन भी मौजूद हैं। पूर्वी लद्दाख में नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पैंगोंग सो और डेपसांग के अलावा गतिरोध की अनेक जगहों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को विस्तार से बातचीत की।

भारत-चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता

सूत्रों ने बताया कि एलएसी के चीनी क्षेत्र की तरफ दौलत बेग ओल्डी में मेजर जनरल स्तर की बातचीत शनिवार 11 बजे शुरू हुई और शाम साढ़े सात बजे समाप्त हुई। उन्होंने कहा कि बैठक में उन फैसलों के क्रियान्वयन पर प्रमुखता से बात हुई जो पिछले हफ्ते दोनों सेनाओं के कोर कमांडर के बीच हुई पांचवीं दौर की बातचीत में लिए गए थे। शनिवार को हुई बातचीत पर एक सूत्र ने कहा, ‘दोनों पक्षों ने गतिरोध के स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जटिलताओं पर बातचीत की, जहां अभी तक चीनी सैनिक मौजूद हैं।’

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मेजर जनरल अभिजीत बापट ने बातचीत का किया नेतृत्व

भारतीय पक्ष की ओर से तीसरी इन्फेंट्री डिविजन के जनरल अफसर कमांडिंग मेजर जनरल अभिजीत बापट ने बातचीत का नेतृत्व किया। ऐसी सूचना मिली है कि दोनों पक्षों ने गतिरोध वाली जगह से सैनिकों के पीछे हटने के लिए एक समयसीमा तय करने पर भी बातचीत की। सैन्य वार्ता में भारतीय पक्ष जल्द से जल्द चीनी सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की प्रक्रिया पर और पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले के अनुसार यथास्थिति तत्काल बहाल करने पर जोर दे रहा है। पांच मई को पैंगोंग सो में दोनों सेनाओं के बीच टकराव के बाद गतिरोध की स्थिति बन गई थी।

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चीन से डेपसांग-डीबीओ सेक्टर में सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा

सूत्रों के अनुसार चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गलवान घाटी और कुछ अन्य गतिरोध वाली जगह से सैनिकों को वापस बुला लिया है लेकिन पैंगोंग सो, गोगरा और डेपसांग में फिंगर क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि चीन को फिंगर चार और आठ के बीच के क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए। सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया छह जुलाई को शुरू हुई थी। इससे एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने क्षेत्र में तनाव कम करने के तरीकों पर करीब दो घंटे तक बातचीत की थी।

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रिश्तों में तनाव के बीच बातचीत का दौर जारी

सूत्रों ने बताया कि जमीनी हालात को देखते हुए भारतीय सेना और वायुसेना ने लद्दाख, उत्तर सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर सभी इलाकों में तब तक बहुत उच्च स्तर की अभियान संबंधी तैयारियां रखने का फैसला किया है, जब तक चीन के साथ सीमा विवाद का संतोषजनक समाधान नहीं निकल जाता। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने एलएसी पर अग्रिम क्षेत्रों में अभियान की निगरानी कर रहे सेना के सभी वरिष्ठ कमांडरों को बता दिया है कि उच्च स्तर की सतर्कता बरती जाए और चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए आक्रामक रुख बरकरार रखा जाए।

चीन को जवाब देने के लिए भारतीय सेना है पूरी तरह तैयार

चीनी सेना की ओर से पैंगोंग सो, डेपसांग और गोगरा जैसे टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर आगे नहीं बढ़ने के मद्देनजर अत्यधिक चौकसी बरतने का नया दिशानिर्देश जारी किया गया है। भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में और एलएसी पर अन्य सभी संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ाके की सर्दी के मौसम में एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदा संख्या बरकरार रखने के लिए विस्तृत योजना तैयार की है। सेना अग्रिम मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए बड़ी संख्या में हथियार, गोला-बारूद और विंटर गियर खरीदने की प्रक्रिया से गुजर रही है। एलएसी पर ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में सर्दी के मौसम में तापमान शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है।

NBT

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