कोझीकोड विमान हादसा: विमान हादसे में जान गंवाने वाले कैप्टन वसंत साठे एयरफोर्स से रिटायर हुए थे, मिग-21 भी … – दैनिक भास्कर

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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कैप्टन दीपक वसंत साठे ने 22 साल एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दीं। (फाइल फोटो)

  • 2003 में एयरफोर्स से रिटायर हुए थे विंग कमांडर कैप्टन दीपक वसंत साठे, शानदार प्रदर्शन के लिए एयरफोर्स एकेडमी से हुए थे सम्मानित
  • एयरफोर्स में रहते हुए मिग-21 और एलएएल के टेस्ट पायलट भी रहे, एयर इंडिया का एयरबस-310 भी उड़ा चुके हैं

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कोझीकोड विमान हादसे में एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे और को-पायलट अखिलेश कुमार ने भी जान गंवा दी। कैप्टन वसंत साठे देश के बेहतरीन पायलटों में से एक माने जाते हैं। एयर इंडिया के पैसेंजर्स फ्लाइट उड़ाने से पहले कैप्टन वसंत साठे ने 22 साल एयरफोर्स में अपनी सेवाएं विंग कमांडर के रूप में दी है।

इस दौरान उन्होंने मिग-21 जैसे लड़ाकू विमान भी उड़ाए। उन्हें सोर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा गया था। कैप्टन साठे के भाई पाकिस्तान से युद्ध के दौरान कारगिल में शहीद हो गए थे। पिता सेना में ब्रिगेडियर पद से रिटायर हुए।

2003 में रिटायर हुए थे साठे
कैप्टन साठे ने 11 जून 1981 में एयरफोर्स ज्वाइन किया था। इसके बाद वह एयरफोर्स में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। 30 जून 2003 को वह एयरफोर्स से रिटायर हो गए। इसके बाद उन्होंने एयरलाइन कंपनियों को अपने अनुभव से मदद करना शुरू कर दिया।

वह एयर इंडिया एक्सप्रेस की बोइंग 737 फ्लाइट उड़ाने से पहले एयरबस 310 भी उड़ा चुके हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल के वह टेस्ट पायलट भी रहे। उनकी शानदार परफॉरमेंस के चलते एयरफोर्स एकेडमी ने उन्हें सम्मानित भी किया था।

कैप्टन साठे लंबे समय तक गोल्डन एरो 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा रहे

एयरफोर्स के मुताबिक, कैप्टन साठे को नेशनल डिफेंस एकेडमी के 58वीं कोर्स में गोल्ड मेडल मिला था। इसके बाद उन्होंने एयरफोर्स एकेडमी ज्वाइन की। यहां 127वें पायलट कोर्स में उन्होंने टॉप किया और इसके लिए उन्हें ”सोर्ड ऑफ ऑनर” से सम्मानित किया गया। वह काफी समय तक गोल्डन एरो 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा रहे, जिसे हाल ही में राफेल फाइटर प्लेन की जिम्मेदारी दी गई है।

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