भारत-चीन सैन्य वार्ता पर बोले राजनाथ सिंह – बातचीत से किस हद तक हल होगा मसला, कह नहीं सकते – NDTV India

खास बातें

  • लद्दाख यात्रा पर पहुंचे रक्षा मंत्री
  • चीन के साथ बातचीत पर दिया अहम बयान
  • कहा- कहां तक सुलझेगी बात, कह नहीं सकते

लेह:

Rajnath Singh in Ladakh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को सीमा के हालात की समीक्षा करने के लिए लद्दाख की यात्रा (Ladakh Visit) पर पहुंचे हुए हैं. उन्होंने यहां पर कहा कि दोनों देशों के बीच मसले को सुलझाने के लिए बातचीत हो रही है, लेकिन बातचीत से कितना हल निकलेगा, अभी कह नहीं सकते. राजनाथ सिंह 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प (Galwan Valley Clash) में 20 भारतीय जवानों के जान गंवाने की घटना के एक महीने बाद लद्दाख पहुंचे हुए हैं. यहां जवानों से बातचीत के दौरान उन्होंने बहुत ही अहम टिप्पणी की है. रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘अभी तक जो बातचीत हुई है, मसला सुलझ जाना चाहिए….लेकिन मसला कहां तक सुलझेगा, मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकता. हालांकि, मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारी जमीन का एक इंच भी दुनिया की कोई शक्ति नहीं ले सकती है.’

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रक्षामंत्री ने जवानों को दिए अपने संबोधन में कहा, ‘भारत एक ऐसा देश है, जिसने पूरी दुनिया में शांति का संदेश दिया है. हमने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है, न ही किसी दूसरे देश की जमीन पर कब्जा किया है. हम- पूरा विश्व एक परिवार है- संदेश में विश्वास करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हमें हमारी सेना पर गर्व है. आज मैं आपके बीच आकर गर्वित महसूस कर रहा हूं. हमारे जवानों ने देश के लिए अपनी जान दे दी है. 130 करोड़ भारतीय इस क्षति से दुखी हैं. आज जब हम लद्दाख में हैं, मैं कारगिल के युद्ध में अपनी जान न्योछावर करने वाले जवानों को भी श्रद्धांजलि देना चाहता हूं.’

रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव कम करने को लेकर बातचीत हो रही है. अभी दो दिन पहले ही दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच चुशुल में चौथे चरण की बातचीत संपन्न हुई है. सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि इस बैठक में एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पर तनाव को लेकर बातचीत हुई है.

पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया था कि भारत-चीन ने आपस में बातचीत करके सीमा पर तनाव कम करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है. इस बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन पूरी तरह बहाल करने के लिए LAC के आसपास सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की बात दोहराई. 

बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को लद्दाख और जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के लिए लेह पहुंचे हैं. रक्षा मंत्री की लद्दाख यात्रा में सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत भी उनके साथ हैं. रक्षा मंत्री फॉरवर्ड एरिया में जवानों से मिलने के बाद एलएसी पर सुरक्षा हालात का जाएजा लेंगे. 

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