न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Updated Fri, 17 Jul 2020 04:20 PM IST
अशोक गहलोत और सचिन पायलट (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई
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राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान अब अदालत के दरवाजे तक पहुंच गई है। बीते कई दिनों से चली आ रही उठापठक में गहलोत ने पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद व उप मुख्यमंत्री से हटवा दिया। अब वह पायलट और उनके साथ 18 विधायकों को अयोग्य करार देने पर तुले हैं। मगर बागी विधायकों ने इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटा दिया है।
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अशोक गहलोत ने हालांकि अपना दमखम दिखाते हुए अपनी सरकार बचाने में कामयाबी हासिल की और कांग्रेस में भी अपनी ताकत का अहसास करा दिया। इसके बावजूद वह क्यों बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कराना चाहते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह…।
क्या है मामला
- राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट व 18 अन्य विधायकों को सदन से अयोग्य करने का नोटिस थमाया है। इसके खिलाफ ये विधायक राजस्थान हाईकोर्ट चले गए हैं।
- कांग्रेस दल बदल कानून का सहारा लेते हुए इन्हें खिलाफ कार्रवाई करना चाहती है। उनका कहना है कि इन विधायकों ने व्हिप का पालन नहीं किया और विधायक दल की दो बैठकों में शामिल नहीं हुए।
- हालांकि पायलट खेमे का तर्क है कि पार्टी का व्हिप तभी मान्य होता है जब सदन की कार्यवाही चल रही हो।
आखिर क्यों अहम है अयोग्य करार देना
अगर बागी इस्तीफा देते हैं तो
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