ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ऐसी परिस्थितियों में चीन और भारत के बीच होने वाला व्यापार साल 2020 में एक-तिहाई तक कम हो सकता है. यहां तक कि द्विपक्षीय व्यापार में 50 फीसदी तक की भी गिरावट हो सकती है. पिछले कुछ सालों में भारत और चीन के आर्थिक साझेदारी मजबूत हुई है और ऑटो, टेलिकम्युनिकेशन और फार्मा सेक्टर में दोनों पक्षों को फायदा हो रहा है. संपादकीय लेख में कहा गया है, “चीनी आपूर्ति पर निर्भर भारतीय उद्योग चीनी माल का बहिष्कार नहीं कर पाएंगे. चीन का विकल्प ढूंढने में भारत को सालों लग जाएंगे, चाहे वह अपनी इंडस्ट्री का विस्तार करने की कोशिश करे या दूसरे देशों से निवेश लाने की.”
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