महाराष्ट्र से कल टकराएगा निसर्ग, इसके रास्ते में पड़ेंगे न्यूक्लियर और पावर प्लांट; मोदी ने उद्धव ठाकरे से बात की

चक्रवाती तूफान निसर्ग बुधवार को महाराष्ट्र से टकराएगा। मौसम विभाग के मुताबिक मुंबई से 94 किलोमीटर दूर अलीबाग के तटों से इसके टकराने के आसार हैं। इस तूफान के रास्ते में महाराष्ट्र के रायगढ़ और पालघर में पड़ने वाले न्यूक्लियर और केमिकल संयंत्रों की सुरक्षा की तैयारियां कर ली गई हैं। एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों से भी हालात का जायजा लिया है।

मुंबई में आमतौर पर इस तरह के तूफान नहीं आते। 1882 के एक तूफान का जिक्र जरूर होता है। लेकिन, ये टकराया था या नहीं, इस पर विवाद है या कहें कि तस्वीर साफ नहीं है।

अलीबाग से तट से टकराएगा निसर्ग
अरब सागर में उठा चक्रवात मंगलवार को ज्यादा ताकतवर होकर अलीबाग की तरफ बढ़ रहा है। अलीबाग मुंबई से 94 किलोमीटर दूर है। यह बुधवार 3 जून को अलीबाग के तट से टकराएगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, “बिजली की समस्या न हो इसके लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। पालघर और रायगढ़ स्थित कैमिकल और न्युक्लियर प्लांट की सुरक्षा के लिए सावधानियां बरती जा रही हैं।”

बता दें कि पालघर में देश का सबसे पुराना तारापुर एटॉमिक पॉवर प्लांट है। यहां कुछ दूसरी पॉवर यूनिट्स भी हैं। मुंबई में बार्क (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर) है। रायगढ़ में भी पॉवर, पेट्रोलियम, कैमिकल्स और कुछ दूसरी अहम इंडस्ट्रीज हैं। मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और नेवी के अहम रणनीतिक ठिकाने हैं।

चेतावनी जारी

भारतीय मौसम विभाग ने अरब सागर में बन रहे दबाव के क्षेत्र को लेकर चेतावनी जारी की। मौसम विभाग ने बताया कि यह तूफान अगले 12 घंटों में तूफानी चक्रवात और उसके अगले 12 घंटों में खतरनाकचक्रवाती तूफान में बदल सकता है। यही वजह है कि मुंबई के आसपास के जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ की दो टीमें पालघर, तीन मुंबई, एक ठाणे, दो टीमें रायगढ़ और एक रत्नागिरी में तैनात की गई हैं।

    1882 के तूफान पर विवाद
    मुंबई में कभी तूफान नहीं आया। हालांकि, ये कहा जाता है कि 1882 में मुंबई (तब बॉम्बे) से एक तूफान टकराया था। इसमें एक लाख लोगों की मौत हुई थी। यह दावा एक वैज्ञानिक एडम सोबेल ने किया था। मुंबई में तूफान आने की आशंका कम होने की मुख्य वजह अरब सागर से जुड़ी है।

    आमतौर पर समुद्र में हर साल एक या दो तूफान आने की परिस्थितियां बनती हैं। यह बंगाल की खाड़ी की तुलना में कम हैं। जब तूफान की स्थिति बनती है तो ये देखा गया है कि ये पश्चिम में ओमान या अदन की खाड़ी की तरफ बढ़ जाते हैं। या फिर गुजरात की तरफ चले जाते हैं। 1998 मेंआया तूफान गुजरात की तरफ बढ़ गया था। इसमें हजारों लोगों की मौत हुई थी। पिछले साल आया तूफान वायु भी गुजरात की तरफ ही बढ़ गया था।

    प्रधानमंत्री ने लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की
    मोदी ने कहा है कि देश के पश्चिम तटीय इलाकों में साइक्लोन की वजह से बने हालातों पर नजर रख रहे हैं। सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। लोगों से अपील है कि सुरक्षा के सभी इंतजाम रखें।

    मछुआरों को समुद्र से वापस आने को कहा गया, निचले इलाके खाली कराए

    • मौसम विभाग ने बताया किपूर्वी-मध्य अरब सागर में बन रहा दबाव 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ा और मंगलवार की सुबह साढ़े पांच बजे तक यह दबाव और तेज हुआ। अभी यह मध्य पणजी (गोवा) से 280 किमी पश्चिम-दक्षिणी पश्चिम, मुंबई (महाराष्ट्र) से 490 किमी दक्षिण-दक्षिणी पश्चिम और सूरत (गुजरात) से 710 किमी के दक्षिण-दक्षिणी पश्चिम में अरब सागर केकेंद्र में है।
    • मौसम विभाग का कहना है कि इस समुद्री तूफान में दो मीटर से ज्यादा ऊंची लहरें उठ सकती हैं। ये लहरें लैंडफॉल के दौरान मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिले के निचले तटीय इलाकों से टकराएंगी। मछुआरों कोसमुद्र से वापस आने को कहा गया है। तटीय इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों परभेजा जा रहा है।

    महाराष्ट्र के 6 जिले प्रभावित हो सकते हैं

    1. मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि है कि 3 जून को गंभीर चक्रवाती तूफान की रफ्तार 90-105 किमी प्रति घंटे होगी।इसके बुधवार को एक भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में रायगढ़ जिले के हरिहरेश्वर शहर और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों को पार करने का अनुमान है।
    2. अनुमान के मुताबिक, महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, ठाणे, रायगढ़ , मुंबई और पालघर जिले ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।
    3. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की है और राज्य की तैयारियों का जायजा लिया है।

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    यह तस्वीर ठाणे की है। मौसम विभाग ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वे अगले दो दिन तक अरब सागर में न जाएं। सोमवार से यहां के तटीय इलाके को खाली कराया जा रहा है।

    Source: DainikBhaskar.com

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