लद्दाख में झड़प के दौरान चीनी सेना ने चलाए थे डंडे, पत्थर और कंटीले तार – अमर उजाला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Wed, 27 May 2020 07:18 AM IST

Indo-China Border (File Photo)
– फोटो : फाइल, अमर उजाला

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चीन की सेना खुद को पेशेवर होने का लाख दावा करे लेकिन पैंगोग त्से में उसकी पोल खुल गई। पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख के पैंगोग त्सेे झील के पास झड़प के दौरान उसके सैनिकों ने भारतीय जवानों पर डंडों, कंटीले तारों और पत्थरों से हमला किया। जानकारों के मुताबिक चीनी सेना का यह व्यवहार पाकिस्तान समर्थित उन पत्थरबाजों जैसा था, जैसा कश्मीर घाटी में सेना के जवानों के खिलाफ होता है।

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सूत्रों ने के मुताबिक लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना के जवानों ने गैरपेशेवराना हरकत की। झड़प के दौरान चीनी सैनिक संख्या बल में भारतीय जवानों से ज्यादा थे, लेकिन गैरपेशेवर हरकत करते हुए नाहक उग्र तेवर दिखाए। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक भारत और चीनी सेना असॉल्ट रायफल से लैस हैं, लेकिन शांति बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र में 1967 से अब तक गोलीबारी नहीं हुई है।

हाल की झड़प में चीन की सेना भारतीय जवानों को चारों ओर से घेरकर उकसावे की कार्रवाई करते हुए टिड्डियों के झुंड की तरह सीमा से सटे क्षेत्र में पहुंच गए। इसके उलट भारतीय सेना ने चीनी सेना को पीछे धकेलने के लिए कभी ऐसा हथकंडा नहीं अपनाया। हाल की झड़प के दौरान 5,000 से ज्यादा चीनी जवान एलएसी पर थे।

 सेनाध्यक्ष नरवणे आज करेंगे शीर्ष कमांडरों के साथ बैठक

 चीन की हरकतों को देखते हुए सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे अपने शीर्ष कमांडरों के साथ बुधवार को बैठक करेंगे। सैन्य सूत्रों ने कहा है कि दो दिवसीय बैठक में शीर्ष सैन्य अधिकारी अन्य विषयों के अलावा सुरक्षा के मसले पर भी चर्चा करेंगे। लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विभिन्न स्थानों पर चीन की ओर से 5,000 से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की बराबरी करने के लिए सैन्य तादाद बढ़ाने को लेकर यह बैठक अहम मानी जा रही है। एजेंसी

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