कराची हादसा/ आखिरी बातचीत: पायलट ने एटीसी से कहा- वी हैव लॉस्ट द इंजन; फिर प्लेन मोबाइल टॉवर से टकराया और घरों पर क्रैश हो गया – Dainik Bhaskar

पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट से कुछ किमी पहले प्लेन क्रैश हुआक्रैश होने के पहले ही प्लेन के इंजन में आग लग चुकी थी

दैनिक भास्कर

May 23, 2020, 12:09 AM IST

कराची. कराची में शुक्रवार दोपहर पाकिस्तान एयरलाइंस कंपनी (पीआईए) का प्लेन क्रैश हो गया। इसमें 98 यात्री और क्रू मेंबर थे। प्लेन एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर पहले रिहायशी इलाके पर गिरा। क्रैश होने से पहले पायलट सज्जाद गुल और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के बीच बातचीत हुई थी। इसका ऑडियो टेप भी सामने आया। पायलट ने एटीसी से कहा था कि एयरक्राफ्ट का इंजन खराब हो चुका है। एटीसी ने उससे कहा कि एयरपोर्ट पर दो रनवे खाली हैं, लेकिन पायलट विमान की लैंडिंग नहीं करा सका।

लाहौर से भरी थी उड़ान
लाहौर से यह प्लेन दोपहर 1 बजे उड़ा। 2.33 बजे यह 275 फीट की ऊंचाई पर था। इसके कुछ मिनटों बाद क्रैश हो गया। पाकिस्तान की वेबसाइट द डॉन के मुताबिक, चश्मदीद शकील अहमद ने कहा, “प्लेन सबसे पहले एक मोबाइल टॉवर से टकराया। इसके बाद घरों पर क्रैश हुआ। यहां से एयरपोर्ट चंद किलोमीटर दूर है।”

पायलट और एटीसी की बातचीत
क्रैश के ठीक पहले पायलट सज्जाद गुल की एटीसी से बातचीत हुई। इसका ऑडियो सामने आया है। 
पायलट : सर हम सीधा आने की कोशिश कर रहे हैं। इंजन फेल हो चुका है। (वी हैव लॉस्ट द इंजन)
एटीसी : आप नीचे उतरने की कोशिश कीजिए। रनवे तैयार हैं। 
पायलट : मे डे (mayday) पाकिस्तान 8303।

यही पायलट के आखिरी शब्द थे। इसके बाद प्लेन क्रैश हो गया।  

क्या होता है मे डे (mayday) कॉल?

किसी प्लेन का पायलट या शिप का कैप्टन यह शब्द कभी नहीं बोलना चाहता। दरअसल, जब किसी प्लेन के पायलट या शिप के कैप्टन को यह लगने लगता है कि अब वो जहाज या शिप को नहीं बचा पाएगा, इन हालात में वो संबंधित एटीसी या कंट्रोल बॉडी से रेडियो कम्युनिकेशन पर बात करता है। आखिरी सफर की आशंका के वक्त किए गए इस कॉल को ही मे डे (mayday) कॉल कहते हैं।  

एयरलाइंस ने कहा- रनवे खाली थी, लेकिन प्लेन लैंड नहीं हो सका 
पीआईए पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस कंपनी है। इसके चीफ एग्जीक्यूटिव एयर मार्शल अरशद मलिक ने कहा, “पायलट ने आखिरी बातचीत में बताया था कि एयरक्राफ्ट में टेक्निकल फॉल्ट है। एटीसी ने उसको बताया कि दो रनवे खाली हैं। वो किसी पर भी लैंड कर सकता है। लेकिन, उसने एक चक्कर लगाने का फैसला किया। उसने ऐसा क्यों किया? टेक्नीकल फॉल्ट क्या था? इसकी हम जांच करेंगे।”

कितनी ऊंचाई पर था प्लेन?
प्लेन 275 फीट की ऊंचाई पर था, लेकिन फौरन बाद ये फिर ऊपर चला गया। जब ये 525 फीट की ऊंचाई पर था, तब पायलट और एटीसी के बीच आखिरी बातचीत हुई। एविएशन एक्सपर्ट जफर इकबाल कहते हैं, “मुझे शक है कि प्लेन की बॉडी को नुकसान हुआ होगा। हो सकता है कोई पक्षी या कोई दूसरी चीज टकराई हो।” रेस्क्यू में लगी टीम का कहना है कि ऑपरेशन खत्म करने में दो दिन भी लग सकते हैं। कुल 15 घरों को नुकसान पहुंचा है।

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