बंगाली प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के आड़े आ रही है ‘ममता’ – Navbharat Times

अमित शाह
हाइलाइट्स

  • गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी को लिखी चिट्ठी
  • प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में नहीं मिल रहा है सहयोग
  • कोरोना के आंकड़ों पर केंद्र और ममता सरकार में भारी मतभेद
  • घर लौटने को बेचैन हैं पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर

नई दिल्ली

कोरोना के मुद्दे पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। केंद्र ने आरोप लगाया है कि ममता सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर आ रही ट्रेनों को अपने राज्य में नहीं घुसने दे रही है।

अधिकारियों के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह ने ममता को एक पत्र लिखकर इस बारे में उन्हें अपनी नाराजगी से अवगत कराया है। उनका कहना है कि उन्हें बंगाल के प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है।बढ़ेंगी प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें

शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासी मजदरों को लेकर आ रही ट्रेनों को अपने यहां आने की इजाजत नहीं दे रही है। यह प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है और इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी।

देश के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग गंतव्य स्थानों तक प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेनों का संदर्भ देते हुए, गृह मंत्री ने पत्र में कहा कि केंद्र ने दो लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है। पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिक भी घर पहुंचने के लिए बेचैन हैं और केंद्र सरकार ट्रेन सेवाओं की सुविधा भी दे रही है। लेकिन उसे राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है।

पहले भी हुआ है टकराव

यह पहला मौका नहीं है जब कोरोना के मुद्दे पर केंद्र और ममता सरकार में ठनी है। केंद्र का आरोप है कि पश्चिम बंगाल सरकार कोरोना के मामलों के आंकड़े छिपा रही है। दूसरी ओर ममता का दावा है कि पश्चिम बंगाल की स्थित कई दूसरे राज्यों से बेहतर है।

इससे पहले केंद्र की टीम जब कोरोना की स्थिति का जायजा लेने के लिए कोलकाता पहुंची थी तो इस पर जमकर सियासी बवाल हुआ था। केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट मिलने के बाद गृह सचिव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने की जरूरत है।

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