लॉकडाउन का दूसरा चरण: पहले 8 दिन में 10 हजार से 20 हजार हो गई कोविड-19 मरीजों की संख्या – Navbharat Times

सांकेतिक तस्वीर।
हाइलाइट्स

  • 14 अप्रैल को देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार हो गई थी
  • आठ दिन बाद 22 अप्रैल को कोविड-19 मरीजों की संख्या 20 हजार के पार हो गई
  • इस दौरान चार अन्य राज्यों में मरीजों की संख्या चार अकों में पहुंच गई
  • 14 अप्रैल से 22 अप्रैल के बीच राजस्थान में मरने वाले मरीजों की तादाद 8 गुना हो चुकी है

नई दिल्ली

देश में तीन सप्ताह के लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को खत्म होने वाली थी, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसे 3 मई तक बढ़ा दिया गया। बुधवार को दूसरे राउंड के लॉकडाउन का आठवां दिन था। टेंशन की बात यह है कि इस बीच कोरोना संक्रमितों की संख्या दोगुना बढ़ गई और कोविड-19 से मरने वालों की तादाद भी करीब दोगुनी हो गई है। आइए आंकड़ों में समझने की कोशिश करते हैं…

14 अप्रैल को 10 हजार पार हुई थी मरीजों की संख्या

14 अप्रैल तक भारत में कोरोना के कुल 10,815 मामलों की पुष्टि हो चुकी थी। तब तक 1,190 मरीज ठीक हो चुके थे जबकि 353 मरीजों की मौत हो गई थी। उस वक्त महाराष्ट्र 2,337 कोविड-19 मरीजों के साथ राज्यों की लिस्ट में टॉप पर था। तब राज्य में 160 मरीजों की मौत हुई थी। उसके बाद दिल्ली 1,1561 मरीजों और 30 मौतों के साथ दूसरे जबकि तमिलनाडु 1,173 मरीजों और 11 मौतों के साथ तीसरे स्थान पर था। यही तीन राज्य थे, जहां मरीजों की संख्या चार अंकों में थी।

पढ़ें: कोरोना से 652 मौतें, राज्यों की पूरी लिस्ट देखें

8 दिन में डबल हुआ मरीजों और मौतों का आंकड़ा

अब 8 दिन बाद 22 अप्रैल को देशभर में 20,471 कोरोना संक्रमित मरीज हो गए हैं जबकि 652 मरीजों की मौत हो चुकी है। अब तक 3,960 कोविड-19 मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। यानी, अभी 1,5859 कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है। टॉप थ्री राज्यों की लिस्ट में आज भी महाराष्ट्र 5,221 मरीजों और 251 मौतों के साथ टॉप पर है।

हां, दूसरे स्थान पर दिल्ली की जगह गुजरात ने 2,272 मरीजों और 95 मौतों के साथ ले ली है जबकि दिल्ली 2,156 मरीजों और 47 मौतों के साथ तीसरे स्थान पर खिसक गया है। 14 अप्रैल को दूसरे स्थान पर रहने वाला तमिलनाडु अभी 1,596 मरीजों और 18 मौतों के साथ पाचवें स्थान पर खिसक गया है।



देखें: 14 अप्रैल को कहां, कितने मामले थे

इस लिस्ट में जुड़े चार राज्य

इन 10 दिनों में मरीजों की संख्या चार अंकों में पहुंचने वाले राज्यों की लिस्ट लंबी हो चुकी है। अब इस लिस्ट में राजस्थान 1,801 मरीजों और 25 मौतों के साथ चौथे, मध्य प्रदेश 1,592 मरीजों और 80 मौतों के साथ छठे और उत्तर प्रदेश 1,412 मरीजों और 21 मौतों के साथ सातवें नंबर पर आ गया है। यानी, पिछले आठ दिनों में तीन नए राज्यों में मरीजों की संख्या डेढ़ हजार से ज्यादा हो गई है।



8 दिनों में राजस्थान में 8 गुना हुई मौतों की संख्या


हैरत की बात यह है कि इन 8 दिनों में राजस्थान ने न सिर्फ उन राज्यों की लिस्ट में जगह बनाई, जहां कोविड-19 मरीजों की संख्या चार अंकों में पहुंच गई है बल्कि मौतों के मामले में भी सभी टॉप राज्यों को पीछे छोड़ दिया। राजस्थान में 14 अप्रैल को महज 3 मरीजों की मौत हुई थी जबकि 22 अप्रैल तक यह संख्या 8 गुना होकर 25 तक पहुंच गई। उसके बात मौतों के मामले में सबसे तेज रफ्तार उत्तर प्रदेश में दिखा, जहां 14 अप्रैल को 5 मरीजों की मौत हुई थी और 22 अप्रैल तक आंकड़ा चार गुना से ज्यादा 21 तक पहुंच गया। इधर, गुजरात में भी इन आठ दिनों में मरीजों की संख्या करीब 4 गुना हो गई। राज्य में 14 अप्रैल तक 26 मरीजों की मौत हुई थी जो अब बढ़कर 95 हो गई है।

हर दिन यूं बढ़ते गए कोरोना के मामले

1 मार्च तक 3
2 मार्च 6
5 मार्च 29
6 मार्च 30
7 मार्च 31
8 मार्च 34
9 मार्च 39
10 मार्च 45
12 मार्च 60
13 मार्च 76
14 मार्च 81
15 मार्च 98
16 मार्च 107
17 मार्च 114
18 मार्च 151
19 मार्च 173
20 मार्च 236
21 मार्च 315
22 मार्च 396
23 मार्च 480
24 मार्च 519
25 मार्च 606
26 मार्च 694
27 मार्च 854
28 मार्च 918
29 मार्च 1024
30 मार्च 1215
31 मार्च 1397
1 अप्रैल 1834
2 अप्रैल 2069
3 अप्रैल 2547
4 अप्रैल 3072
5 अप्रैल 3577
6 अप्रैल 4250
7 अप्रैल 4789
8 अप्रैल 5,274
9 अप्रैल 5,865
10 अप्रैल 6,761
11 अप्रैल 7,529
12 अप्रैल 8,447
13 अप्रैल 9,352
14 अप्रैल 10,815
15 अप्रैल 11,933
16 अप्रैल 12,759
17 अप्रैल 13,835
18 अप्रैल 14,792
19 अप्रैल 16,116
20 अप्रैल 17,656
21 अप्रैल 18,589
22 अप्रैल 20,471*

*खबर लिखे जाने तक

महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु में मौतों की रफ्तार कम

इस लिहाज से महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु की स्थिति बेहतर मानी जा सकती है जहां आंकड़े करीब-करीब डेढ़ गुना ही हुए। दिल्ली में 14 अप्रैल तक 30 मरीज मरे थे और इन आठ दिनों में महज 17 मौतों के इजाफे के साथ आंकड़ा 47 पर पहुंचा। वहीं, महाराष्ट्र में 14 अप्रैल तक 160 मौतें हुई थीं जो डेढ़ गुना से थोड़े ज्यादा होकर 251 पर पहुंच गई है।

तमिलनाडु में भी 14 अप्रैल तक 11 मरीजों की मौत हुई थी। यह आंकड़ा अब 18 तक पहुंचा है। वहीं, हजार की संख्या वाले राज्यों की लिस्ट में जगह बनाने वाले एक और राज्य मध्य प्रदेश में मौतों का आंकड़ा करीब दोगुना बढ़ा, वहां 14 अप्रैल तक 43 मरीजों की मौत हुई थी जो अब बढ़कर 80 हो चुकी है।

​एशियाई, अफ्रीकी देश में यह है समस्या

  • ​एशियाई, अफ्रीकी देश में यह है समस्या

    ग्राहम ने कहा कि अफ्रीका के उप सहारा क्षेत्र और दक्षिण एशिया के बड़े अस्पतालों में भी ऑक्सीजन सिलेंडर ऑपरेशन थियेटर या उससे जुड़े वार्ड में ही होते हैं। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अफ्रीका और एशिया प्रशांत क्षेत्र में सर्वेक्षण बताता है कि करीब आधे अस्पताल में ही ऑक्सीजन की उपलब्धता किसी भी समय होती है और यहां तक कि कुछ ही स्वास्थ्यकर्मियों के पास खून में ऑक्सीजन की मात्रा नापने के लिए ऑक्सीमीटर नामक उपकरण होता है, जो रक्त में ऑक्सीजन का स्तर मापने और दवा की खुराक देने में मार्गदर्शन करता है। ‘ (फोटोः रॉयटर्स, कन्टेंटः एएफपी)
  • क्या है ऑक्सीजन की भूमिका

    चीन के हजारों मरीजों के आधार पर तैयार एक रिपोर्ट फरवरी में आई थी जिसके मुताबिक करीब 20 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों को ऑक्सजीन की जरूरत पड़ी थी। इनमें से 14 प्रतिशत मरीजों का सामान्य ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता पड़ी जबकि पांच प्रतिशत को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी। ग्राहम बताते हैं, ‘गंभीर संक्रमण में कोरोना वायरस फेफड़ों पर हमला करता है जिससे निमोनिया जैसे लक्षण होते हैं और फेफड़ा स्वयं ऑक्सीजन सोख नहीं पाता और खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जिसे हाइपोक्समिया कहते हैं जिससे कई अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होती और मौत का खतरा बढ़ जाता है।’
  • ​ऑक्सीजन की कमी लाया महासंकट

    मेलबर्न यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल और इंटरनैशनल चाइल्ड हेल्थ सेंटर में बालरोग विशेषज्ञ हमीश ग्रहाम कहते हैं, ‘वास्तविकता है कि अभी अफ्रीका और एशिया प्रशांत क्षेत्र में ऑक्सीजन एकमात्र थेरेपी है, जिससे लोगों की जान बचेगी।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे डर है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित किए बिना वेंटिलेटर पर ध्यान केंद्रित करने से मौती होगी।’

15 हजार करोड़ के पैकेज का ऐलान

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया। ‘इंडिया कोविड-19 रिस्पॉन्स ऐंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज’ की राशि से सिर्फ कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए स्पेशल अस्पताल और लैब बनाने के अलावा अन्य जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे। फंड का इस्तेमाल 1 से चार साल के बीच तीन चरणों में किया जाएगा।

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