कार्तिक आर्यन के वीडियो को सोना महापात्रा ने बताया गैरजिम्मेदाराना, बोलीं- आपका मजाक किसी और की कठोर वास्तविकता

विवाद खड़ा होने के बाद कार्तिक आर्यन ने अपनी बहन को मजाकिया अंदाज में ‘पीटने’ वाले वीडियो को अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म से डिलीट कर दिया। उनके इस वीडियो को लेकर सिंगर सोना महापात्रा ने भी अपनी नाराजगी जताई थी। अब इस मसले पर सोना महापात्रा ने बुधवार को दैनिक भास्कर से विस्तृत बातचीत की। जिसमें उन्होंने कार्तिक के वीडियो को स्त्री विद्वेष से भरा हुआ बताया।

महापात्रा ने मंगलवार की शाम एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कार्तिक आर्यन के बारे में लिखा था, ‘यह बंदा औरतों से नफरत वाली फिल्मों में एक्टिंग कर यूथ आइडल बन गया है और अब यह लॉकडाउन में भी ऐसे वाहियात वीडियो शेयर कर रहा है। लॉकडाउन के चलते देश में घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं। इसे रोको इंडिया।’ अब भास्कर से बातचीत में भी उन्होंने उस वीडियो को बेहद गैरजिम्मेदाराना बताया है।

सवाल- उस वीडियो में आपको क्या-क्या चीज आपत्तिजनक लगी थी?

सोना महापात्रा– ‘इस तरह की चीजें उन लोगों के अवचेतन मन पर ज्यादा असर करती है, जो उस समाज में रहते हैं, जहां लड़कियों को जन्म से पहले ही नहीं, जन्म के बाद भी खत्म कर दिया जाता रहा है। इन महाशय का करियर जिस तरह की फिल्मों पर बना है उनका तो आधार ही ऐसी कहानियां है, जहां पर स्त्री विद्वेष का प्रचार ज्यादा होता है। दुर्भाग्य से उन फिल्मों की लोकप्रियता से पता चलता है कि हिंदुस्तान में ज्यादातर लोगों को इस तरह के विचार बुरे नहीं लगते।’

सवाल- यानी आपका कहना है कि ये मिसाजनी यानी स्त्री द्वेष की कैटेगरी में आता है?

सोना महापात्रा– ‘जी हां। इसलिए हम कलाकारों और कहानीकारों को और यहां तक ​​कि अभिनेताओं को उच्च मानकों की स्थापना करने और बेहतर कहानियों को चुनने की आवश्यकता है। लेकिन एक अभिनेता जो लाखों युवाओं को प्रभावित करता है, वो एक लॉकडाउन वीडियो में खराब रोटियां बनाने पर अपनी बहन के साथ हिंसक हो रहा है। अंत में उसने ऐसा प्रतीत कराया जैसे उसने बहन को बालकनी से फेंक दिया। जो कि हास्यास्पद रूप से चौंकाने वाला है। वो भी तब जब इस लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है। इस वीडियो को देखने के लिए इसे ‘कैजुअल’ बताते हुए जस्टिफाई करने के बहुत सारे तर्क दिए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि ये सिर्फ एक मजाक है। जबकि आपका मजाक किसी और की कठोर वास्तविकता है।

सवाल- आप आगे भी सजग नागरिक के तौर पर विभिन्न मुद्दों पर आवाजें उठाती रहेंगी?

सोना महापात्रा– ‘हां मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। मीरा और कबीर के अलावा दुनिया के अन्य प्राचीन कलाकारों की तरह। दुनिया भर के अन्य लोग केवल सौंदर्य या मनोरंजन के लिए कला या संगीत नहीं बनाते हैं। उन्होंने समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए विभिन्न तरीकों से बात की। नीना सिमोन, हैरी बेलाफोंटे ने काले नागरिक अधिकारों के लिए बात की और अभिनय किया और कई बाधाओं को तोड़ दिया। जॉर्ज मिचेल समलैंगिक अधिकारों के लिए खड़े हुए और घर वापस आए। टीएम कृष्णा ने दलित संगीतकारों के वास्ते मुख्यधारा में एक मंच खोजने के लिए बात की और अभिनय किया। मेरा मानना ​​है कि कलाकारों को एक आवाज की आवश्यकता होती है और वे अपने मंच का उपयोग करते हैं और प्रभावित करने के लिए पहुंचते हैं और पुरुष को एक बेहतर, निष्पक्ष, अधिक समतावादी दुनिया बनाते हैं।

सवाल- अब तक के किन मुद्दों पर आपकी उठाई आवाज ने असर किया है?

सोना महापात्रा– ‘मेरे संगीत समारोह के मंच पर देसी फ्यूजन वस्त्र पहनना, विभिन्न हथकरघा, भारतीय वस्त्र और ड्रेपिंग साड़ियाँ पश्चिम में जाने के बजाय अपनी सांस्कृतिक पहचान के मालिक होने का संदेश देती हैं। ये सब युवाओं को संदेश देता है कि देसी होना आकांक्षात्मक है और इसमें शर्मिंदा होने जैसी कोई बात नहीं है। मेरा मानना ​​है कि देश भर में जवाबदेही का एक बहुत मजबूत संदेश भेजा है। मुझे लगता है कि हमारे पास दुनिया के जितने अच्छे लोग हैं, वो कुछ बुरे लोगों से ज्यादा नहीं, जो सोचते हैं कि वे दुनिया को जहर दे सकते हैं। निष्पक्ष होने के लिए खड़े होने और लड़ने की जरूरत है। रोज-रोज दुनिया सुनती है और बदलती भी रही है।’

सिंगर सोना महापात्रा विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया के जरिए अपनी राय रखती रहती हैं।

Source: DainikBhaskar.com

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