कोरोना वायरसः चीन की हकीकत दिखाने वाले फाइटर्स कहां हो गए गायब – नवभारत टाइम्स

चीन पर कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी छुपाने के आरोप लग रहे हैं और उसे संदेह से देखा जा रहा है। वहीं, अमेरिका ने चीन की जवाबदेही तय करने की भी मांग की है। चीन के खिलाफ आवाज सिर्फ पश्चिमी देशों ने ही नहीं बल्कि खुद उसके घर में व्हिसल ब्लोअर्स ने उठाई थी, जिसके बाद से वे न तो पब्लिक में नजर आ रहे हैं और न ही अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ही ऐक्टिव हैं। उन्हें जबरन क्वारंटीन किया गया है। ऐसी आशंका है कि उन्हें प्रताड़ित भी किया जा रहा है। इनमें से एक व्हिसल ब्लोअर डॉक्टर ली वेलियांग थे। वेलियांग पहले शख्स थे जिन्होंने अपने सहकर्मियों को बताया था कि अस्पताल में सार्स जैसी बीमारी का केस आया है। जानकारी बाहर होते ही उन्हें पुलिस धमकाने पहुंच गई। हालांकि, कोरोना मरीज के इलाज करते हुए वह खुद भी संक्रमित हो गए और उनकी मौत हो गई। आइए जानते हैं उन चीनी नागरिकों के बारे में जिनकी कोरोना मामले में बोलने पर आवाज दबा दी गई…

अस्पताल की दिखाई भयावह तस्वीर, जबरन क्वारंटीन में

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डॉक्टर ली की मौत से एक दिन पहले यानी 6 फरवरी को वकील चेन कियुषी ने भी वुहान के अस्पताल के बाहर के भयावह वीडियो को यूट्यूब पर शेयर किया था। जिसे 4 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा था। वह भी लापता हैं। उनके परिवार ने बताया कि उन्हें प्रशासन ने कहा कि वह मेडिकल क्वॉरंटीन में हैं लेकिन यह नहीं बताया कि किस जगह उन्हें रखा गया है। गायब होने से पहले हालांकि चेन ने कहा था कि जब तक मैं जिंदा हूं मैं वह बोलता रहूंगा जो मैंने देखा है। मैं कम्युनिस्ट पार्टी से नहीं डरने वाला।

अस्पताल के बाहर शवों का वीडियो बनाया था, दो महीने से गायब

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बिजनसमैन फैंग बिन ने एक दिन अस्पताल के बाहर शवों से भरे बैग का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था। बिन ने यह वीडियो तब बनाया था जब चीन दुनिया को यह दिखाने में लगा हुआ था कि वायरस नियंत्रण में है। चीन द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़े हमेशा से ही शक के दायरे में रहे हैं और बिन के वीडियो ने शक को गहरा कर दिया था। फिर क्या था एक दिन उनके दरवाजे पर दस्तक हुई। हजमत सूट में पहने लोग थे और उनसे कहा कि उन्हें क्वारंटीन सेंटर ले जाया जा रहा है। वे डॉक्टर नहीं पुलिस थे। बिन ने सवाल करना शुरू किया तो उसे जबरन पूछताछ के लिए ले गए और कहा कि वे अफवाह न फैलाएं और उनका कंप्यूटर भी जब्त कर लिया। अगले दिन हालांकि उन्हें रिहा कर दिया गया। उन्होंने फिर एक दिन वीडियो में सरकार के खिलाफ आवाज उठाते दिखे। अगले दिन फिर पुलिस आई और दो महीने से वह अपने घऱ में नजर नहीं आए हैं।

वायरस बैंक से खदेड़ा गया था, तब से है गायब

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कुछ ऐसा ही टीवी रिपोर्टर ली जेहुए (25) के साथ हुआ जिन्होंने वुहान के हालात की लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे थे। उसके बाद सादी वर्दी में पुलिस वाले उसके फ्लैट पहुंचे और उसे अपने साथ ले गए। ली ने वुहान की दुर्दशा का वीडियो बनाया था कि किस तरह लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उसने लोगों को लाइव स्ट्रीमिंग के जरिये दिखाया था कि जिसमें इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के बाहर पुलिस उसे खदेड़ रही थी। वीडियो में वह चिल्ला रहा था, ‘कृपया मेरी मदद कीजिए।’ दरसअल, ऐसी आशंका थी कि इंस्टिट्यूट से वायरस फैला है और वह वही पता करने के लिए वहां गया था।

शी पर उठाए सवाल, अरबपति व्यवसायी भी गायब

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अरबपति व्यवसायी रेन झिकियांग (69) ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग पर आरोप लगाए थे कि वह कोरोना वायरस को रोकने में नाकाम रहे। इसके बाद से मार्च से ही वह नजर नहीं आए हैं। रेन कम्युनिस्ट पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। उनकी गिरफ्तारी के तीन सप्ताह बाद सरकार ने बताया कि उन्हें कानून व कम्युनिस्ट पार्टी के नियमों का उल्लंघन करने पर हिरासत में रखा गया है। (रिपोर्टः डेली मेल, तस्वीरेंः सोशल मीडिया)

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