दिल्ली में लॉकडाउन फेल/ निजामुद्दीन स्थित मरकज में पहले से जमा थे दो हजार लोग, इनमें से 200 कोरोना संदिग्ध निकले; अब बाकियों को इलाके से निकाला जा रहा – दैनिक भास्कर

निजामुद्दीन स्थित मरकज में लॉकडाउन से पहले मलेशिया और इंडोनेशिया के अलावा भारत के कई राज्यों से भी लोग आए यह मरकज इस्लाम की शिक्षा का दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र, थोड़ी दूर पर हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह यहां 200 लोगों को कोरोना संक्रमण की जांच के लिए भेजा गया, पूरा इलाका सील 

दैनिक भास्कर

Mar 30, 2020, 11:00 PM IST

दिल्ली. निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 200 लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है। संदिग्धों को जांच के लिए अस्पताल भेजा गया है। इन्हें सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत है। इस जगह से 1200 लोगों को निकाला जा रहा है।

निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र है। यहां कई देशों के लोग आते रहते हैं। मरकज से कुछ ही दूर सूफी संत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह  है। लेकिन, इन दिनों यह बंद है।

यहां से जाने वाले 6 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे

मरकज में रुके लोगों से से ज्यादातर अपने देशों और भारत स्थित शहरों में लौट गए थे। लौटकर गए लोगों में से 6 कोरोना पॉजिटिव पाए गए। एक व्यक्ति की मौत हो गई। हालांकि, मृतक की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। स्वास्थ्य विभाग, डब्ल्यूएचओ, नगर निगम और पुलिस की टीमें यहां से लोगों को निकाल रही हैं। 

मरकज में रहने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 60 से ऊपर
पुलिस ने बताया कि लॉकडाउन से पहले ही यहां से भीड़ हटाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। लोगों से अपील की जा रही थी। लेकिन, तब्लीगी मरकज में जमा लोगों ने बात नहीं सुनी। यहां रहने वाले लोगों में ज्यादातर लोगों की उम्र 60 साल से ऊपर है। 

मरकज के आसपास के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है। पुलिस इस क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी कर रही है।

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