सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगा, ट्रेडिंग 45 मिनट रोकी गई; कारोबार शुरू होते ही सेंसेक्स 3103 और निफ्टी 966 अंक गिरा

मुंबई. भारतीय बाजार में कोरोनावायरस और विदेशी बाजारों के गिरने का खौफ कायम है। शुक्रवार को बाजार गिरते ही 2534 अंक गिर गया। कुछ देर बाद ही बाजार 3103 अंक गिरकर 30,000 अंकों के नीचे पहुंच गया। बाजार में आई तेज गिरावट के कारण लोबर सर्किट लगा दिया गया है। इसके बाद ट्रेडिंग को 45 मिनट के लिए रोक दिया गया है। अभी सेंसेक्स 29,687.19 अंकों पर है। इसी तरह निफ्टी 852 अंक गिरकर खुला। थोड़ी देर में गिरावट बढ़कर 966.10 अंकों की हो गई। निफ्टी 8624 अंकों पर कारोबार कर रहा है। बाजार के 10% या उससे ज्यादा गिरने पर लोअर सर्किट लगया दिया जाता है।

क्यों लगाया जाता है सर्किट ब्रेकर
शेयर बाजार के एक सीमा से ज्यादा बढ़ने या गिरने पर सर्किट ब्रेकर लगाया जाता है। इसका मकसद शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव को रोकना होता है।

कैसे लागू होता है सर्किट ब्रेकर
शेयर बाजार में सर्किट ब्रेकर लगाने का भी एक नियम है। एनएसई की बेवसाइट के अनुसार अगर दोपहर 1 बजे के पहले शेयर बाजार 10 फीसदी बढ़े या गिरे तो सर्किट ब्रेकर के तहत अपर सर्किट या लोअर सर्किट लगाया जाता है। ऐसी स्थिति में ट्रेडिंग को 45 के लिए रोका जाता है। लेकिन अगर 1 बजे के बाद 10 फीसदी उतर चढ़ाव दर्ज किया जाता है तो कारोबार को केवल 15 मिनट के लिए ही रोका जाता है। इसी प्रकार 15 और 20 फीसदी के लिए भी नियम हैं।

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बाजार के 10% या उससे ज्यादा गिरने पर लोअर सर्किट लगया दिया जाता है

Source: DainikBhaskar.com

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