दिल्ली हिंसा की जांच का स्तर देश के लिए होगी नजीर, गृह मंत्री ने दिए संकेत – News18 हिंदी

दिल्ली हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए कंपनसेशन क्लेम कमीशन बनाने की तैयारी (फाइल फोटो)

गृह मंत्री का साफ तौर पर कहना था कि सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर ही जांच की जा रही है. उच्चतम तकनीक, कानूनी सहायता और हिंसा के नुकसान की भरपाई के लिए कंपनसेशन क्लेम कमीशन बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

  • Share this:
 नई दिल्ली. 11 मार्च को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने संसद में दिल्ली दंगों को लेकर अपना बयान दिया. इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने करीब 4 घंटे की चर्चा के दौरान अपना अपना पक्ष सदन में रखा. विपक्ष का कहना था कि सरकार चुप बैठी रही और कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि सत्ता पक्ष के सांसदों का कहना था की सोची समझी साजिश के तहत सीएए के नाम पर लोगों को भड़काया गया है. अंत में गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में अपनी बात रखी.

गृह मंत्री का साफ तौर पर कहना था कि सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर ही जांच की जा रही है. उच्चतम तकनीक,  कानूनी सहायता और हिंसा के नुकसान की भरपाई के लिए कंपनसेशन क्लेम कमीशन बनाने का प्रयास किया जा रहा है. करीब 45 मिनट के अपने भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि दिल्ली पुलिस ने पूरे प्रकरण के दौरान बेहतरीन ढंग से काम किया और महज 36 घंटे में ही हालात पर काबू पा लिया. लेकिन इसके आगे भी जो उन्होंने कहा उससे यह साफ हो गया कि आने वाले दिनों में दिल्ली पुलिस के जांच की दिशा क्या रहेगी और इस दंगों में पीड़ित पक्षों को न्याय दिलाने में और पीड़ित लोगों को मुआवजा देने की दिशा में सरकार किस तरीके से काम करेगी.

कैसी थी दिल्ली पुलिस की भूमिका?
गृह मंत्री ने जो भाषण लोकसभा में दिया उसमें इस बात का जिक्र था कि दंगों का यह दौर 36 घंटे तक चला और पुलिस ने हालात को उस दौरान काबू में कर लिया. पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बलों की मौजूदगी थी, 2 दिनों के दौरान पल-पल पर हालात की निगरानी रखने के लिए कई दौर की बैठकें हुईं. जिसकी अध्यक्षता खुद अमित शाह ने की. जब-जब पुलिस अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मांग कर रही थी उसे केंद्र सरकार द्वारा उसको मुहैया करवाया जा रहा था. दिल्ली हिंसा एक सोची समझी साजिश थी, जिसके लिए बाहर के प्रदेश से लोग आए थे और उन्होंने माहौल बिगाड़ा था. दिल्ली पुलिस ने समय रहते बॉर्डर को सील किया और बड़ी तादात में गैर कानूनी आवाजाही लोगों को रोका. इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.कैसी रहेगी दिल्ली पुलिस के जांच की दिशा
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि 700 से ज्यादा एफआईआर इस मामले में अब तक दर्ज की गई हैं. और 2600 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. फेस आईडेंटिफिकेशन सिस्टम के तहत 11,00 से ज्यादा लोगों के चेहरे की पहचान की गई है, सारे सीसीटीवी कैमरे की जांच की जा रही है जो कि दंगा प्रभावित इलाकों में, मतलब साफ है कि जांच के हर एक पहलू को बारीकी से परखा जा रहा है. सारे सबूत बेहद पेशेवर अंदाज में इकट्ठा किए जा रहे हैं. ताकि अदालत में वह ट्रायल के दौरान वो अपनी सत्यता बरकरार रख सकें. दिल्ली पुलिस अपनी जांच में जनता का पूरी तरीके से सहयोग भी ले रही है और इस बात का जिक्र गृह मंत्री ने अपने भाषण में किया कि जनता की जानकारी को भी पुलिस अपनी जांच में शामिल कर रही है.

दंगा पीड़ितों को मिलेगी सरकार की तरफ से पूरी मददअपने भाषण के अंतिम हिस्से में गृह मंत्री अमित शाह का कहना था कि संपत्ति का नुकसान हुआ है, लोगों की गाढ़ी कमाई जलकर खाक हो गई और इसका दुख उनको भी है. इसके लिए सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में चिट्ठी लिखी है की क्लेम कंपनसेशन कमीशन बनाया जाए, जिससे दंगा आरोपियों के संपत्ति  जब्ती की प्रक्रिया शुरू हो और पीड़ित लोगों को किस तरीके का कितना नुकसान हुआ है उसका आंकलन कर पूरी तरीके से भरपाई की जा सके. दंगों के मामले में अक्सर ऐसा होता है कि जो पीड़ित होते हैं उनको उनके संपत्ति के नुकसान की भरपाई नहीं मिल पाती और इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह पहल की है.

शांति कमेटियों की भूमिका और ज्यादा प्रभावशाली होगी
25 फरवरी के बाद से दंगा प्रभावित इलाकों में 600 से ज्यादा शांति कमेटियों की बैठक की हो चुकी हैं. शांति कमेटी में उस इलाके के सारे धर्म के प्रतिनिधि, प्रमुख सामाजिक संगठन के लोग, राजनीतिक दलों के लोग और स्थानीय निवासी होते हैं जोकि लोगों को समझाते हैं और इलाके में शांति की अपील करते हैं. दिल्ली में दंगा फैलने के बाद गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस से इन कमेटियों पर काम करने को कहा था जिसके बाद यह बैठक हुई और आने वाले दिनों में इसी तरीके से यह बैठक नियमित अंतराल पर उन इलाकों में की जाएं ऐसा पुलिस और स्थानीय प्रशासन की योजना है.

दिल्ली हिंसा के के बाद क्या कार्रवाई की गई इसका पूरा खाका गृह मंत्री ने संसद के सामने रखा और यह भी कहा कि हालात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने क्यों 11 मार्च को इस मुद्दे पर अपना जवाब दिया. हालांकि कांग्रेस में सदन से वॉकआउट किया और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए लेकिन सरकार का दावा है कि दंगे के आरोपियों को जरूर सजा मिलेगी और सबका का भरोसा जीतना उसकी प्राथमिकता है.

News18 Hindi पर सबसे पहले Hindi News पढ़ने के लिए हमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें. देखिए देश से जुड़ी लेटेस्ट खबरें.

First published: March 11, 2020, 11:04 PM IST

Related posts