YES बैंक को बचाने निकला SBI, जानिए अभी खुद किस हाल में है – आज तक

  • 3 अप्रैल तक के लिए यस बैंक पर रिजर्व बैंक ने लगाई है पाबंदी
  • बैंक के ग्राहक खाते से सिर्फ 50 हजार रुपये ही निकाल सकते हैं

प्राइवेट सेक्‍टर के यस बैंक के बदहाली की कहानी अब लोगों के सामने आ चुकी है. इस बैंक पर आरबीआई की पाबंदी के बाद अब खाताधारकों में डर का माहौल है. हालांकि, सरकार की ओर से बार-बार भरोसा दिया जा रहा है कि खाताधारकों के पैसे सुरक्षित हैं.

बहरहाल, संकट की इस घड़ी में यस बैंक को देश के सबसे बड़े बैंक SBI का सहारा मिलने की उम्‍मीद है. एसबीआई की ओर से यस बैंक में हिस्‍सेदारी खरीदने के लिए सै‍द्धांतिक मंजूरी भी दे दी गई है. ऐसे में सवाल है कि क्‍या SBI ऐसी हालत में है कि वह यस बैंक को संकट से उबार सके. आइए इसके बारे में विस्‍तार से जानते हैं.

मुनाफा में हुई अच्‍छी बढ़ोतरी

वैसे तो भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की चौथी तिमाही के नतीजे अभी आने वाले हैं लेकिन तीसरी तिमाही में एसबीआई का परफॉर्मेंस काफी बेहतर रहा. साल 2019 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एसबीआई का मुनाफा एक साल पहले की इसी अवधि से 41 फीसदी बढ़ गया. इस दौरान एसबीआई को 6,797.25 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. एक साल पहले इसी अवधि में उसे 4,823.29 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था. वहीं बैंक की आय भी बढ़कर 76,797.91 करोड़ रुपये रही, जो 2018-19 की इसी तिमाही में 70,311.84 करोड़ रुपये थी.

लेकिन NPA है संदिग्‍ध

हालांकि, एसबीआई के फंसे हुए कर्ज यानी NPA संदिग्‍ध हैं. दरअसल, बीते साल आरबीआई ने जांच के दौरान एसबीआई के कुल ग्रॉस NPA में 12,000 करोड़ रुपये का अंतर पाया है. आरबीआई की ओर से किए गए आंकलन के मुताबिक बीते वित्त वर्ष में एसबीआई का ग्रॉस एनपीए 1,84,682 करोड़ रुपये था.जबकि एसबीआई ने 1,72,750 करोड़ रुपये का एनपीए दिखाया था.

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RBI के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान SBI का शुद्ध एनपीए 77,827 करोड़ रुपये था, वहीं एसबीआई ने 65,895 करोड़ रुपये का शुद्ध एनपीए दिखाया था. इस तरह शुद्ध एनपीए में भी 11,932 करोड़ रुपये का अंतर था. आरबीआई की ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई जब कई बैंकों पर डूबे हुए कर्ज को कम कर दिखाने के मामले सामने आए हैं.

50 हजार निकाल सकेंगे यस बैंक के ग्राहक

बता दें कि आरबीआई ने यस बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. अब यस बैंक के ग्राहक अपने खाते से सिर्फ 50 हजार रुपये निकाल सकेंगे. हालांकि, इमरजेंसी की हालत में 5 लाख तक की छूट दी गई है. इसके अलावा यस बैंक के बोर्ड को भी भंग कर दिया गया है. बैंक के एडमिनिस्‍ट्रेशन की जिम्‍मेदारी एसबीआई के पूर्व सीएफओ प्रशांत कुमार को दी गई है.

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