- 3 अप्रैल 2020 तक सिर्फ 50 हजार रुपये निकालने की लिमिट
- केंद्रीय बैंक ने यस बैंक के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान किया है
प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक महीने तक के लिए पाबंदी लगा दी तो अब रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी रेटिंग को कम कर दिया है. मूडीज की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यस बैंक पर आरबीआई की पाबंदी नकारात्मक है क्योंकि यह बैंक जमाकर्ताओं और लेनदारों के री-पेमेंट को प्रभावित करता है.
इसी तरह, रेटिंग एजेंसी आईसीआरए (ICRA) ने भी यस बैंक के टियर- II और टियर- I बॉन्ड पर रेटिंग में कटौती की है. बता दें कि बीते गुरुवार को यस बैंक पर आरबीआई ने कई तरह की पाबंदी लगा दी है. इसके बाद यस बैंक के खाताधारक 3 अप्रैल 2020 तक सिर्फ 50 हजार रुपये की निकासी कर सकेंगे. हालांकि, इमरजेंसी में 5 लाख तक निकालने की छूट है. इसके अलावा यस बैंक के बोर्ड को भी भंग कर प्रशांत कुमार को एडमिनिस्ट्रेशन नियुक्त किया गया है. प्रशांत कुमार, एसबीआई के पूर्व सीएफओ हैं.
री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान
इस बीच, केंद्रीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान किया है. वहीं एसबीआई ने यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. निवेशक बैंक अगले तीन साल के लिए 49 फीसदी हिस्सेदारी ले सकता है. वहीं अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकता है. बहरहाल, इस प्लान को सुझाव के लिए एसबीआई और यस बैंक को भेज दिया गया है. बता दें कि ये प्लान एक महीने के भीतर ही लाया जाएगा.
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यस बैंक के संकट पर फाउंडर क्या बोले?
इन हालातों में यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर ने कहा कि उन्हें कोई आइडिया नहीं है. बिजनेस टुडे से बातचीत के दौरान राणा कपूर ने कहा- मैं पिछले 13 महीने से बैंक में सक्रिय नहीं हूं, ऐसे में मुझे कोई आइडिया नहीं है कि क्या चल रहा है. बता दें कि यस बैंक ने नवंबर 2019 में शेयर बाजार को बताया था कि राणा कपूर की बोर्ड से कंप्लीट एग्जिट हो गई है.