- नोएडा का एक स्कूल बंद किया गया है, जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स के बच्चे पढ़ते हैं
- इसके बाद से ही माता-पिता में एक पैनिक है कि कहीं स्कूल भेजने से उनके बच्चों को खतरा ना हो
- अगर कोरोना से मौतों का आंकड़ा देखा जाए तो पता चलता है कि बच्चों को ये सबसे कम नुकसान कर रहा है
- बच्चों पर कोरोना का असर कम रहने की वजह ये भी है कि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है
नई दिल्ली
बुधवार को दिल्ली में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया। इसके तुरंत बाद ही नोएडा के एक स्कूल को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया, क्योंकि वहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स के बच्चे पढ़ते थे। इसके बाद से ही दिल्ली-एनसीआर में माता-पिता अपने स्कूल जाने वाले बच्चों को लेकर काफी चिंतित हैं। उनमें एक पैनिक की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि, इस बीच स्कूल और सरकारें सभी ये कह रही हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है, तैयारी पूरी है, लेकिन एक के बाद एक तेजी से कोरोना वायरस के मामले सामने आने से माता-पिता की चिंता न चाहते हुए भी बढ़ रही है। इसी चिंता के मद्देनजर हम आपके सामने कुछ आंकड़े लाए हैं, जो पैनिक को कम करने में मददगार साबित होंगे। बच्चों के लिए परेशान होने वाले माता-पिता को ये आंकड़े देखने चाहिए, जो साफ करते हैं इसका असर सबसे कम बच्चों पर ही हो रहा है। तो कोरोना वायरस से डरें नहीं, सिर्फ बचाव के उपाय करें। बताते चलें कि भारत में अब तक 29 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
एक नजर मौत के आंकड़ों पर, जो आपकी चिंता कम करेंगे
अब तक दुनिया भर में कोरोना वायरस के 3100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 91,700 से भी अधिक लोग इससे संक्रमित हो गए हैं। लेकिन अगर उम्र के हिसाब से देखा जाए तो पता चलता है कि 0-9 साल के एक भी बच्चे की मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई है। वहीं 10-19 साल के बच्चों और किशोरों में सिर्फ 0.2 फीसदी मौतें ही कोरोना वायरस की वजह से हुई हैं। इसी तरह 20-29 साल और 30-39 साल के लोगों में सिर्फ 0.2 फीसदी लोग ही कोरोना वायरस से मरे हैं। इस वायरस से ये ट्रेंड सामने आया है कि जिसकी उम्र अधिक है, उस उम्र के लोगों की कोरोना वायरस से अधिक मौतें हुई हैं। जैसे 70-79 साल के करीब 8 फीसदी लोग कोरोना वायरस से मारे गए हैं और 80 साल से अधिक के 14.8 फीसदी की मौत कोरोना वायरस ने ली है।
उम्र | मौत की दर |
80 साल से अधिक | 14.8% |
70-79 साल | 8.0% |
60-69 साल | 3.6% |
50-59 साल | 1.3% |
40-49 साल | 0.4% |
30-39 साल | 0.2% |
20-29 साल | 0.2% |
10-19 साल | 0.2% |
0-9 साल | एक भी नहीं |
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1. क्या एक लोग से दूसरे लोग में फैलता है कोरोना वायरस ?
कम उम्र के लोगों में इसलिए कम है मौत का आंकड़ा
दरअसल, कोरोना वायरस का नाता उम्र से नहीं, बल्कि आपके इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली से है। अभी तक इस वायरस की कोई वैक्सीन नहीं है। ऐसे में जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है, वह इस वायरस की चपेट में जल्दी आ रहे हैं और उनकी ही मौत भी हो रही है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम कमजोर होता जाता है, इसलिए अधिक उम्र के लोगों में कोरोना वायरस से मौत की दर अधिक है। साथ ही अधिक उम्र के लोगों को कोई न कोई बीमारी भी होती है, जिसकी वजह से वह कोरोना वायरस से होने वाले डैमेज को रीकवर नहीं कर पाते। कम उम्र के लोगों में इम्यून सिस्टम काफी अच्छा होता है, तभी तो 10 से 39 साल के लोगों में कोरोना वायरस से मौत की दर सिर्फ 0.2 फीसदी है।
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किस देश में कितना संक्रमण और कितनी मौतें
देश | संक्रमण | मौतें |
चीन | 80,409 | 3,012 |
इटली | 3,089 | 107 |
ईरान | 2,922 | 92 |
दक्षिण कोरिया | 5,766 | 35 |
अमेरिका | 129 | 11 |
जापान | 300 | 6 |
फ्रांस | 212 | 4 |
हॉन्ग-कॉन्ग | 104 | 2 |
ऑस्ट्रेलिया | 53 | 2 |
भारत | 29 | 0 |
मौत की दर बहुत ही कम
कोरोना वायरस से लोग दहशत में हैं, क्योंकि इसकी कोई वैक्सीन अब तक नहीं बनी है। ये भी एक बड़ी वजह है जो माता पिता में डर पैदा कर रहा है। दहशत की सबसे बड़ी वजह से है कि ये तेजी से फैलने वाला वायरस है, जिसके चलते लोगों में डर काफी बढ़ा है। हालांकि, कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में 100 में से औसतन सिर्फ 2 लोगों की मौत हो रही है। यानी इस वायरस से सिर्फ 2 फीसदी लोगों की ही मौत हो रही है, वो भी अधिक उम्र के लोगों में अधिक है और कम उम्र के लोगों में कम। तो इस वायरस से माता-पिता घबराएं नहीं, सिर्फ बचाव के तरीके अपनाएं।
घबराएं नहीं, बस बचाव के तरीके अपनाएं
माता-पिता अपने बच्चों को लेकर घबराएं नहीं, बस अपने साथ-साथ उनमें भी कुछ आदतें डालें, जिनसे कोरोना वायरस से बचा जा सके। कोरोना से बचने के लिए आपको हाईजीन यानी साफ-सफाई का ध्यान रखा होगा।
- अपने हाथ को हर थोड़ी देर में सैनिटाइजर से सैनिटाइज करें या फिर साबुन या हैंडवॉश से कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं।
- जिनमें सर्दी, खांसी, बुखार जैसै लक्षण हों, उनके पास ना जाएं और अगर आप में ऐसे लक्षण हों तो मास्क पहनें और तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।
- खूब पेय पदार्थ पिएं और दही खाएं, जिससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा।
- कोशिश करें कि आंख, नाक या मुंह हाथ धोने या सैनिटाइट करने के बाद ही छुएं।
- अधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ना जाएं, क्योंकि ऐसी जगह पर एक भी कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स होगा तो वह बाकी लोगों को भी बीमार कर सकता है।
- गले लगना और हाथ मिलाना हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में अभिवादन का तरीका है, लेकिन कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ दूरी बनाए रखें और नमस्ते से अभिवादन करें।