Delhi 2012 Gangrape Case: राष्ट्रपति ने दोषी पवन की दया याचिका ठुकराई, अब चारों दोषियों के पास फांसी से बचने के कानूनी विकल्प नहीं – Jansatta

Delhi Gangrape Case: दोषी पवन की दया याचिका खारिज, कोर्ट कल जारी कर सकता है नए डेथ वॉरंट

Delhi Gangrape Case: निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिकाएं खारिज हुईं





जनसत्ता ऑनलाइन
Edited By कीर्तिवर्धन मिश्र

नई दिल्ली | Updated: March 4, 2020 4:41 PM

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दिल्ली 2012 गैंगरेप केस के चारों दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं।

Delhi 2012 Gangrape Case: राष्ट्रपति ने 2012 के दिल्ली गैंगरेप केस के दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है। दो दिन पहले ही पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के डेथ वॉरंट पर रोक लगा दी थी, जिसके चलते उन्हें 3 मार्च को फांसी नहीं दी जा सकी। तब कोर्ट ने यही कहा था कि पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, इसलिए दोषियों की फांसी पर फैसला नहीं लिया जा सकता। यह तीसरी बार था, जब चारों दोषियों की फांसी टाली गई थी। हालांकि, अब चारों के पास ही न तो सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा है।

बुधवार शाम निर्भया के परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कोर्ट में दोषियों की फांसी के लिए नए डेथ वॉरंट जारी करने की याचिका दायर की। इस पर पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के वकील से गुरुवार दोपहर 2 बजे तक जवाब मांगा है। माना जा रहा है कि कोर्ट कल ही दोषियों की फांसी के लिए नए डेथ वॉरंट जारी कर देगा।

इससे पहले पीड़िता के परिवार की वकील ने राष्ट्रपति के फैसले के बाद कहा कि अब हम दिल्ली कोर्ट में चारों दोषियों की फांसी के लिए नया आवेदन देंगे। सभी दोषियों ने अपने पूरे अधिकार इस्तेमाल कर लिए हैं। अब सजा के लिए जो भी तारीख मुकर्रर होगी, वो आखिरी होगी।

सुप्रीम कोर्ट पहले ही पवन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुका है। उसने फांसी को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने कहा था कि सजा पर पुनर्विचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

पीड़िता की मां ने कहा था- सिस्टम अपराधियों को सपोर्ट करने वालाः दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की फांसी आगे बढ़ने के बाद पीड़िता की मां का दर्द छलक पड़ा था। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि दोषियों की फांसी बार-बार टलना हमारी कानून व्यवस्था का प्रभावहीन होना दर्शाता है। पीड़िता की मां ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पूरी दुनिया, पूरा समाज देख रहा है कि किस तरह से भारत में न्याय में देरी हो रही है। उन्होंने सिस्टम को अपराधियों का सपोर्ट करने वाला बताया था। हालांकि, बाद में दृढ़ता दिखाते हुए उन्होंने कहा था कि कोई चाहे कुछ भी कर ले, दोषियों को फांसी हो कर रहेगी।

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