सोशल मीडिया से हटने के ट्वीट के बाद मोदी का पुराना वीडियो चर्चा में #Social – BBC हिंदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर चौंकाते हैं और सोमवार को देर शाम भी उन्होंने एक ऐसा ट्वीट किया, जिससे सोशल मीडिया पर सारी चर्चाएं उनके इस ट्वीट पर भी सिमट गईं. ट्विटर पर #NoModiNoTwitter, #NoSir #YesSir #NoModiNoTwitter ट्रेंड करने लगे.

सोमवार को रात आठ बजकर 56 मिनट पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “सोच रहा हूं कि फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स इस रविवार को छोड़ दूं.”

इस समय ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल @narendramodi को 5 करोड़ 33 लाख से भी ज़्यादा लोग फ़ॉलो करते हैं.

फ़ेसबुक पर मोदी के एकाउंट को चार करोड़ 47 लाख से भी ज़्यादा लोग फ़ॉलो करते हैं जबकि उनके इंस्टाग्राम एकाउंट को तीन करोड़ 52 लाख लोग फ़ॉलो करते हैं.

मोदी की लोकप्रियता यूट्यूब पर भी कम नहीं है. चार करोड़ 51 लाख लोगों ने मोदी के यूट्यूब एकाउंट को सब्सक्राइव किया है.

पुराने वीडियो की चर्चा

इस बीच, पीएम मोदी का एक वीडियो फिर चर्चा में आया है, जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया के फ़ायदे और नुकसान की चर्चा की थी.

प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2015 में जब नरेंद्र मोदी अमरीका गए थे, तब वह फ़ेसबुक के मुख्यालय भी गए थे. तब वहां उन्होंने फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग से मुलाक़ात की थी, इसके अलावा एक सेशन में हिस्सा लिया था जिसमें सोशल मीडिया पर चर्चा की गई थी.

तभी प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया को लोकतंत्र के लिए एक बड़ी ताकत बताया था साथ ही फेक न्यूज़ को बड़ा ख़तरा भी बताया था.

मोदी ने कहा था, “सोशल मीडिया ने एम्पावरमेंट के लिए एक बहुत बड़ी ताकत दी है. कोई भी ख़बर कोई भी व्यक्ति पहुँचा सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से ऑर्गनाइज्ड रूप से निगेटिव चीज़ों को प्रचारित करने का प्रयास हो रहा है. अच्छा है कुछ मीडिया ने फ़ेक न्यूज़ को उजागर करने के काम शुरू किए हैं. मैं सोशल मीडिया पर बहुत साल से एक्टिव हूँ, मुझे उसके बेनेफ़िट भी मिले हैं, गुड गवर्नेंस के लिए सोशल मीडिया एक बहुत बड़ी ताक़त है.”

मोदी के सोशल मीडिया छोड़ने संबंधी ट्वीट किये जाने के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर ही इस विषय पर चर्चा होने लगी, जहां एक तरफ पीएम मोदी के समर्थक उन्हें ऐसा नहीं करने की सलाह देने लगे तो वहीं उनके विरोधियों ने चुटकियां भी लेनी शुरू कर दी.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्विटर के माध्यम से उन पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा कि पीएम के अचानक से सोशल मीडिया छोड़ने के ऐलान ने लोगों को चिंतित कर दिया है. क्या यह पूरे देश में इन सेवाओं पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव है. उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी अच्छी तरह से जानते हैं कि सोशल मीडिया सकारात्मक और उपयोगी संदेश भेजने के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म हो सकता है. यह नफ़रत फैलाने के लिए नहीं है.

बसपा प्रमुख मायावती ने आशंका जताई कि हो सकता है कि मोदी का ये कदम जनता का ध्यान बंटाने का एक और प्रयास हो.

यही नहीं, मोदी के ऐलान पर कई मीम भी सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे हैं.

@theskindoctor13 हैंडल से ट्वीट किया गया, “मोदी जी इस आइडिया को ड्रॉप करने के लिए आपको कितने रीट्वीट करने होंगे?”

@sagarcasm हैंडल से ट्वीट किया गया, “नहीं हो पाएगा, मैं खुद 3-4 बार ट्राइ कर चुका हूँ”

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Related posts