Grasshopper Attack: टिड्डियों के हमले ने भारत-पाकिस्तान को लाया करीब

Publish Date:Sun, 16 Feb 2020 05:09 PM (IST)

नई दिल्ली, जेएनएन। टिड्डियों के हमले ने भारत-पाकिस्तान को करीब लाया है। दोनों देशों के बीच समस्या से निपटने के लिए पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। टिड्डियों की घुसपैठ ईरान होते हुए पाकिस्तान और इससे लगे राजस्थान और गुजरात के इलाकों में हो चुकी है। लेकिन टिड्डी की रोकथाम से जुड़े भारतीय वैज्ञानिक बता रहे हैं कि खतरा अभी टल चुका है। हालांकि पाकिस्तान ने अगर अपने यहां टिड्डियों पर लगाम नहीं लगाई तो दो महीने बाद एकबार फिर टिड्डी अटैक भारत को झेलना पड़ सकता है।
टिड्डियों रोकना दुनिया के सामने बड़ी चुनौती
यूएन ने चेताया है कि अफ्रीकी महाद्वीप के टिड्डी वाले इलाके में अप्रैल तक इनकी एक और पीढ़ी हमले को तैयार होगी और जून तक इनकी आबादी अभी के 360 अरब की तुलना में 500 गुना होगी। इससे बड़े अन्न संकट और भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। आज दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती इनकी आबादी बढ़ने से रोकना है। टिड्डियों से निपटने का सबसे कारगर तरीका कीटनाशक का छिड़काव है। लेकिन अफ्रीकी देश इन विमानों की कमी से जूझ रहे हैं। भारत में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन की मदद भी ली गई।

40 फीसद खेती नष्ट हो चुकी है पाकिस्तान में।
1.30 करोड़ आबादी ईस्ट अफ्रीका में भुखमरी के करीब
कितनी खतरनाक है टिड्डी
टिड्डी आमतौर पर पत्तियां, फूल, फल, बीज, छाल और पौध की कोपल खाकर फसलों को नष्ट करती है। सबसे विनाशकारी रेगिस्तानी टिड्डी है, जो इन दिनों दुनियाभर में चिंता का सबब बनी हुई है। यह एक दिन में अपने वजन के बराबर (2 से 2.5 ग्राम) पत्तियां-बीज खा जाती हैं। एक वर्ग किलोमीटर में करीब 40 लाख टिड्डियां होती हैं। यह झुंड एक दिन में खेतों को उतना नुकसान पहुंचाता है, जो 35 हजार इंसानों का एक दिन में पेट भर सकता है।

जानें- टिड्डियों के जीवनचक्र के बारे में
90 दिन का कुल जीवनकाल
50 दिन में वयस्क हो जाती है
12-6 किमी/घंटे की स्पीड से उड़ती हैं
150 किमी तक उड़ जाती हैं एक दिन में
30 दिन अंडे देते हैं और फिर खत्म  
Posted By: Sanjeev Tiwari

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Source: Jagran.com

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