जब नक्सलगढ़ में पहुंची फोर्स तो आए अच्छे दिन, पहले कैंप के विरोध में रैली निकाल रहे थे ग्रामीण

Publish Date:Sun, 16 Feb 2020 09:30 PM (IST)

योगेंद्र ठाकुर, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा को नक्सलियों का गढ़ कहा जाता है। इस नक्सलगढ़ में फोर्स पहुंची तो जवानों को न सिर्फ नक्सलियों का बल्कि आदिवासियों का भी विरोध झेलना पड़ा। लेकिन अब ग्रामीणों को फोर्स की सिरपरस्ती रास आने लगी है। गांवों में नक्सल उपद्रव थमने लगा है। ऐसा लगता है ग्रामीणों के लिए अच्छे दिन आ गए हैं। जो ग्रामीण पहले कैंप के विरोध में रैली निकाल रहे थे। अब वही अपने गांव में विकास की प्राथमिकता तय कर रहे हैं। प्रशासन से स्कूल, अस्पताल, सड़क, पानी और बिजली की मांग कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के धुर नक्सल प्रभावित पोटाली में पहले दिन में ही नक्सली खुलेआम हथियार लेकर घूमते थे। हालांकि ग्रामीण तब भी चाहते थे कि उनके बच्चे स्कूल जाएं लेकिन भय की वजह से बोल नहीं पाते थे। जिला मुख्यालय तक आने वाले ग्रामीणों पर नक्सली शक करते थे कि कहीं वह पुलिस की मुखबिरी न कर रहा हो। इसलिए ग्रामीण गांव में ही कैद होकर रह गए थे। लेकिन अब कुछ ही महीने में हालात इतनी तेजी से बदले हैं कि वे खुद विकास की योजना तय कर आवेदन लेकर कलेक्टर के पास पहुंच रहे हैं। फोर्स ने तीन महीने पहले पोटाली और चिकपाल में कैंप खोला था। इसके बाद यहां से नक्सलियों के पांव उखड़ गए और जिंदगी की बहार लौटने लगी।

साहब गर्मी में सूख जाता है तालाब
दो दिन पहले बुरगुम गांव के पुजारी पारा से बंडीराम, देवा मंडावी, प्रदीप, जोगा सोरी आदि ग्रामीण आवेदन लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे। बोले साहब गर्मी में तालाब सूख जाता है। गहरीकरण करा दिया जाए तो हम मछली पालन कर कुछ आय अर्जित कर सकते हैं। ग्रामीणों ने गांव में ही सरकारी राशन की दुकान खोलने और मनरेगा के तहत सड़क निर्माण, खेतों का समतलीकरण आदि काम शुरू कराने की मांग भी की है। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही उनकी मांगें पूरी की जाएंगी।

ग्रामीण बाजार में लौटी रौनक
बस्तर के गांवों की लाइफ लाइन माने जाने वाले साप्ताहिक हाट बाजार नक्सलियों के दबाव में बंद हो गए थे। पोटाली में कैंप खुलने के बाद कई साल बाद फिर से साप्ताहिक बाजार की रौनक लौटी है। ग्रामीण यहां सुरक्षा के बीच बेखौफ दैनिक जरूरतों का सामान ले रहे हैं। अब गांव में ही एक युवक ने दुकान खोल दी है। बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने बताया कि पोटाली तक छह किमी सड़क बन चुकी है। वहां स्थाई तौर पर दो एमबीबीएस डाक्टरों की नियुक्ति भी शासन ने की है।

डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि जहां भी कैंप खुल रहे हैं उस जगह पर सड़क, स्कूल अस्पताल, हाट बाजार जैसी सुविधाएं विकसित कराई जा रही हैं। ग्रामीणों का विश्वास जीतकर ही नक्सल उन्मूलन और विकास संभव है।
Posted By: Dhyanendra Singh

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Source: Jagran.com

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