CM की दो टूक: जिले का नेतृत्व नहीं संभाल सकते तो कलक्टर रहने का कोई हक नहीं

वीसी में मुख्यमंत्री ने कोटा कलक्टर से पूछ लिया कि क्या आप परिवाद पढ़ना जानते हो ? आप परिवाद पढ़कर सुनाइए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं (Flagship plans) को जमीनी धरातल पर उतारने में बरती जा रही लापरवाही पर कड़ा रुख (Strictness) अपनाया है. मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स (Collectors) को सख्त हिदायत दी है कि अगर वे जिले का नेतृत्व (Leadership) नहीं संभाल सकते तो फिर उन्हें कलक्टर रहने का कोई हक (Right) नहीं बनता.

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जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं (Flagship plans) को जमीनी धरातल पर उतारने में बरती जा रही लापरवाही पर कड़ा रुख (Strictness) अपनाया है. मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर्स (Collectors) को सख्त हिदायत दी है कि अगर वे जिले का नेतृत्व (Leadership) नहीं संभाल सकते तो फिर उन्हें कलक्टर रहने का कोई हक (Right) नहीं बनता. गहलोत ने शुक्रवार को सीएमओ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) में कलक्टर को जिले का कैप्टन बताते हुए यह बातें कहीं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री अधिकांश जिलों के कलक्टर्स के जवाब से नाखुश दिखाई दिए.चित्तौड़गढ़, भरतपुर, अलवर और श्रीगंगानगर के कलक्टर को लगाई फटकारमुख़्यमंत्री ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स, अतिरिक्त मुख्य सचिव और संभागीय आयुक्तों से सीधा संवाद किया और फ्लैगशिप योजनाओं का फीडबैक लिया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गहलोत पूरी तरह से एक्शन मोड में नजर आए. उन्होंने निशुल्क दवा योजना में दवाइयों की उपलब्धता नहीं होने पर चित्तौड़गढ़, भरतपुर, अलवर और श्रीगंगानगर के कलक्टर को फटकार लगाई. मुख्यमंत्री ने इन जिलों के कलक्टर से स्पष्ट कहा की दवाइयां उपलब्ध कराना आपकी जवाबदेही बनती है. यदि आप जिले का नेतृत्व नहीं संभाल सकते तो फिर आपको कलक्टर रहने का कोई हक नहीं है.एईएन को चार्जशीट देने के निर्देशगहलोत ने कहा कि दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ-साथ अस्पतालों में खराब पड़े चिकित्सीय उपकरणों को समय पर सही कराना होगा और इस कार्य में कलक्टर भामाशाह का सहयोग भी ले सकते हैं. मुख़्यमंत्री ने हनुमानगढ़, प्रतापगढ़ और अजमेर कलक्टर को भी डांट लगाई. हनुमानगढ़ नगर परिषद आयुक्त द्वारा मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी नहीं करने पर मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ कलक्टर को वीडियो कॉन्फ्रेंस में जवाब तलब कर लिया. प्रतापगढ़ की कलक्टर को बिजली विभाग के एईएन द्वारा बिजली कनेक्शन की झूठी रिपोर्ट देने परमुख्यमंत्री ने उनको सही ढंग से काम करने की नसीहत दे दी. मुख्यमंत्री ने प्रतापगढ़ कलक्टर को एईएन को चार्जशीट देने के निर्देश भी दिए.कोटा कलक्टर से पूछा कि परिवाद कैसे पढ़ते हैं ?मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कोटा कलक्टर को सही ढंग से काम करने की सख्त हिदायत दी. मुख्यमंत्री ने कोटा कलक्टर से पूछ लिया कि क्या आप परिवाद पढ़ना जानते हो ? आप परिवाद पढ़कर सुनाइए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोटा कलक्टर ने वीसी में ही परिवाद पढ़कर सुनाया. दरअसल मुख्यमंत्री जनसुनवाई में दर्ज परिवादों में से चिन्हित 3 परिवादों के निस्तारण पर कोटा कलक्टर मुख्यमंत्री को संतुष्ट नहीं कर पाए. मुख़्यमंत्री इस बात से नाराज थे कि राजस्थान जनसंपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के लिए कलक्टर्स गंभीर नहीं हैं.एससी-एसटी के लंबित केसों का जल्द निस्तारण करेंगहलोत ने सभी कलेक्टर्स से एससी और एसटी निवारण अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज केसों का जल्द से जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए. साथ इस वर्ग के आर्थिक सहायता से जुड़े केसों का भी जल्द से जल्द निस्तारण करने को कहा. गहलोत ने सभी कलेक्टर्स से कहा कि सिलिकोसिस से पीड़ितों के लंबित केसों का निस्तारण करें और राहत राशि जल्द से जल्द उपलब्ध करवाएं. सरकार की महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं का डिलीवरी सिस्टम ठीक नहीं होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को सख्त हिदायत देकर जमीनी धरातल पर काम करने के निर्देश दिए हैं.
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First published: February 14, 2020, 8:44 PM IST
Source: News18 News

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