संयुक्त राष्ट्र
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद को लेकर चीन की दोहरे मानदंडों पर तीखा हमला बोला है। हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकवादियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की राह में चीन की तरफ से अड़ंगा लगाने को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उसे आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी घोषित करने के अनुरोधों के रास्ते में बिना किसी उचित कारण देशों को बाधाएं नहीं खड़ी करनी चाहिए।
भारत ने चेताया कि कोई भी दोहरा मानदंड या आतंकवादियों के बीच भेदभाव सिर्फ हमें तकलीफ पहुंचाएगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय समान विचार रखता है कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा होनी चाहिए। इसमें कोई अपवाद नहीं हो सकता है। ना ही किसी आतंकवादी गतिविधि को सही ठहराया जा सकता है, भले ही उसके पीछे कारण/मंशा कुछ भी हो।’
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष जयशंकर ‘आतंकवादी गतिविधियों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को उत्पन्न खतरा’ विषय पर सुरक्षा परिषद में चर्चा की अध्यक्षता कर रहे थे। अपने देश की ओर से जयशंकर ने इस साल जनवरी में परिषद में की गई अपनी टिप्पणी को दोहराया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद के खात्मे के लिए आठ सूत्री कार्य योजना का प्रस्ताव रखा था।
एस जयशंकर ने कहा, ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत करें : आतंकवाद को न्यायसंगत ना बताएं, आतंकवादियों का महिमामंडन ना करें, दोहरा मानदंड ना अपनाएं। आतंकवादी, आतंकवादी होते हैं, उनमें फर्क कर हम सिर्फ अपनी तकलीफें बढ़ाएंगे, बिना किसी कारण के अनुरोध (आतंकवादी घोषित करने) के रास्ते में बाधा पैदा ना करें।’
जयशंकर का बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन के बारे में था, जो पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत के प्रयास के रास्ते में बार-बार रोड़ा अटकाता रहा है।