अफगान संकट पर अमेरिकी राष्ट्रपति LIVE: जो बाइडेन बोले- हमने अफगानिस्तान में अरबों डॉलर खर्च किए, वहां की ली… – Dainik Bhaskar

वॉशिंगटन2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पहली बार राष्ट्रपति जो बाइडेन देश को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अचानक बदल गए। इसका असर दूसरे देशों पर भी पड़ा है। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

बाइडेन की स्पीच की अहम बातें…

  • मेरी नेशनल सिक्योरिटी टीम और मैं खुद हालात पर पैनी नजर रख रहे हैं। हमें ये देखना होगा कि अमेरिका वहां क्यों गया था। हम वहां 20 साल रहे। हमने अल कायदा तो नेस्तनाबूद किया। ओसामा बिन लादेन को भी खत्म किया। हमने अफगानिस्तान को बनाने के लिए हर मुमकिन की। अमेरिका ने अपने लक्ष्य हासिल करने में कामयाबी हासिल की है।
  • जब मैंने सत्ता संभाली तो उससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प तालिबान से बातचीत कर रहे थे। 1 मई के बाद हमारे पास ज्यादा विकल्प नहीं थे। या तो हम वहीं रहते और तालिबान से लड़ते या फिर अमेरिकी सैनिकों को वापस लाते। मैं अपने प्लान पर कायम रहा।
  • मैं मानता हूं कि तालिबान बहुत जल्द काबिज हो गए। वहां की लीडरशिप ने बहुत जल्द हथियार डाल दिए। हमने वहां अरबों डॉलर खर्च किए। अफगान फोर्स को ट्रेंड किया। इतनी बड़ी फौज और हथियारों से लैस लोगों ने हार कैसे मान ली।
  • अमेरिकी सेना वहां कितना और रुकती। एक साल या पांच साल। इससे क्या हालात बदल जाते? मैंने अशरफ गनी से जून में बात की थी। उनसे कहा था कि वे प्रशासन में करप्शन को खत्म करें। गनी को भरोसा था कि उनकी फौज तालिबान का मुकाबला कर लेगी।
  • मैं वो गलतियां नहीं कर सकता था जो पहले के लोगों ने कीं। इसलिए अपने प्लान पर जमा रहा। अफगान लोगों को अपना भविष्य तय करने का अधिकार है। वहां की फौज हमारे कई नाटो सहयोगियों से ज्यादा है। उनके पास हथियार भी थे। फिर ये क्यों हुआ?

बाइडेन के रुख पर उठ रहे सवाल
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर अमेरिकी मीडिया समेत विपक्ष ने बाइडेन के रुख पर सवाल उठाए हैं। रविवार और सोमवार को व्हाइट हाउस के बाहर लोगों ने अफगानिस्तान से सैन्य वापसी के खिलाफ प्रदर्शन किए थे।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और कुछ डेमोक्रेटिक सीनेटर्स भी बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप लगा रहे हैं कि वे अफगानिस्तान के मामले को ठीक से हैंडल करने में नाकाम रहे। इस वजह से अफगानिस्तान में अमेरिका को एक शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।

बाइडेन शुक्रवार से वॉशिंगटन से बाहर थे
जब तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी और सबसे सुरक्षित शहर काबुल पर कब्जा कर रहा था, उस वक्त भी जो बाइडेन वॉशिंगटन में नहीं थे। अमेरिकी राष्ट्रपति शुक्रवार से ही कैम्प डेविड में थे। इसी दौरान तालिबान ने कंधार पर भी कब्जा किया था। वे कुछ देर पहले ही व्हाइट हाउस पहुंचे हैं।

ट्रम्प का तंज- क्या लोग मुझे याद कर रहे हैं?

डोनाल्ड ट्रम्प अफगानिस्तान पर बाइडेन प्रशासन के रवैये पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प अफगानिस्तान पर बाइडेन प्रशासन के रवैये पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।

अफगानिस्तान में तेजी से बिगड़े हालात और वहां तालिबान के कब्जे के बाद पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने बाइडेन पर तंज किया। ट्रम्प ने अमेरिकी लोगों से पूछा- अफगानिस्तान में हालात देखकर क्या आप मुझे याद कर रहे हैं? हालांकि, इसके पहले भी ट्रम्प बाइडेन के इस फैसले पर सवाल उठा चुके हैं। दोनों के बीच पिछले साल नवंबर में भी इस मुद्दे पर काफी बयानबाजी हुई थी। हालांकि, तब वहां राष्ट्रपति चुनाव चल रहा था।

अमेरिकी विदेश मंत्री बोले- अफगानी खुद मुकाबला करें

काबुल में अफगानिस्तान सरकार के दफ्तरों में तालिबान के लड़ाके काबिज हो चुके हैं।

काबुल में अफगानिस्तान सरकार के दफ्तरों में तालिबान के लड़ाके काबिज हो चुके हैं।

अब तक अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी फौजों की वापसी के साथ ही तालिबान ने अपना असर बढ़ाना शुरू कर दिया था। इस पर सवाल उठे, तो अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था- अफगानिस्तान के लोगों को अपनी तकदीर का फैसला अब खुद करना होगा।

अमेरिका में बाइडेन प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन

अफगान मूल के लोग तालिबान को लेकर अमेरिका की बेरुखी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

अफगान मूल के लोग तालिबान को लेकर अमेरिका की बेरुखी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

अमेरिका के कई शहरों में रविवार के बाद सोमवार को भी अफगानिस्तान के हालात और अमेरिका की भूमिका को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए। व्हाइट हाउस के बाहर भी कई प्रदर्शनकारी बैनर और पोस्टर लेकर पहुंचे। इन लोगों का आरोप है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान को उसके हाल पर छोड़ दिया और तालिबान को रोकने के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई।

खबरें और भी हैं…

Related posts