कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री अजय माकन ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पार्टी का स्टार प्रचारक और असेट भले ही बता दिया लेकिन गहलोत खेमा इसे बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और इसलिए अब निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने नया दांव खेल दिया है।
जयपुर। कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री अजय माकन ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पार्टी का स्टार प्रचारक और असेट भले ही बता दिया लेकिन गहलोत खेमा इसे बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और इसलिए अब निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने नया दांव खेल दिया है।
यह नेता अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने का समय मांग रहे है ताकि वे पायलट गुट को सत्ता में भागीदारी का विरोध कर सकें। पायलट खेमे के मुकाबले लिए बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों व 13 निर्दलीयों की 23 जून को जयपुर के एक होटल में बैठक हो रही है जिसमें रणनीति बनाई जाएगी। इस हरावल दस्ते में ये सभी मुख्यमंत्री गहलोत समर्थक विधायक है जो आलाकमान के समक्ष अपना पक्ष रखकर ये बताने की कोशिश करेंगे कि सरकार उनके कारण से बची हुई हैं। अगर वे नहीं होते तो पायलट खेमा कब का ही सरकार गिरा देता। इसलिए यदि अगर निकट भविष्य में मंत्रिमण्डल विस्तार हो तो उन्हें वरीयता दी जाए।
राजनीतिक नियुक्तियों में भी भागीदारी —
यहीं नहीं राजनीतिक नियुक्तियों में भी ये विधायक भागीदारी मांगेंगे। पूरे खेल में पायलट गुट की रणनीति को फेल कर उसे रोकने की मुख्य कवायद नजर आ रही हैं। गहलोत कैंप की तरफ से जुड़े ये विधायक ही पायलट कैंप पर निशाना साधते रहे हैं। बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायक पिछले दिनों ही दो बार बैठक कर चुके हैं। ये विधायक मुख्यमंत्री से मिल भी चुके है। बैठक के बाद ही विधायक संदीप यादव ने पायलट खेमे के विधायकों को गद्दार बताया था। जिस पर खूब सियासी बवाल हुआ था।
अनुशासन का पाठ —
वहीं निर्दलीय विधायकों में संयम लोढ़ा ने तो विधायकों की कार्यशाला आयोजित कर अनुशासन का पाठ पढ़ाने तक की बात भी कहीं थी। वहीं महादेव सिंह खण्डेला ने गहलोत ही कांग्रेस और कांग्रेस ही गहलोत कह अपनी निष्ठा जता ही दी थी। इस खेल में 19 के इस नए समूह में से 13 निर्दलीयों पर तो कांग्रेस का अनुशासन भी लागू नही होता। इसलिए इस बार का सावधानी भरा खेल निर्दलीयों को आगे करके भी खेला जा रहा है।
पायलट गुट भी नई रणनीति बनाने में जुटा— निर्दलीय और इन विधायकों के इस दांव को देखते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का गुट भी नई रणनीति बनाने में जुटा है। कल सचिन पायलट अलवर दौरे पर थे और उनके कुछ समर्थक विधायक भी उनके साथ थे। इस दौरान पायलट ने इनसे विचार विमर्श भी किया। दूसरी ओ
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