कोलकाता. चार साल पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए मुकुल रॉय की घर वापसी हो गई है. कोलकाता में टीएमसी के पार्टी दफ्तर में मुकुल रॉय ने ममता बनर्जी की उपस्थिति में टीएमसी में वापसी की. इससे पहले शुक्रवार की दोपहर मुकुल रॉय टीएमसी दफ्तर पहुंचे और ममता बनर्जी सहित टीएमसी के बड़े नेताओं से मुलाकात की. घर से निकलते हुए मीडिया से बातचीत में मुकुल रॉय ने साफ कर दिया कि वे टीएमसी दफ्तर जा रहे हैं. इस बीच ममता बनर्जी ने पार्टी दफ्तर में टीएमसी की बड़ी बैठक बुलाई थी और मुकुल रॉय के औपचारिक रूप से पार्टी ज्वॉइन करने से पहले पार्टी की बैठक चली. मुकुल रॉय के साथ उनके बेटे शुभ्रांशु रॉय भी टीएमसी में शामिल हुए हैं.
‘मुकुल ने गद्दारी नहीं की, गद्दारों को वापस नहीं लेंगे’
मुकुल रॉय के टीएमसी में वापसी के मौके पर ममता बनर्जी ने कहा कि मुकुल घर का लड़का है, घर ही वापस आया है. अभिनंदन है. मुकुल को चमकाकर धमकाकर बीजेपी में ले गए थे. मैंने महसूस किया है टीएमसी में वापस आकर मुकुल को मानसिक शांति मिली है. एक सवाल के जवाब में मुकुल रॉय ने कहा कि अभी जो स्थिति है, उसमें कोई भी बीजेपी में नहीं रहेगा. बीजेपी में शोषण बहुत ज्यादा है. ममता बनर्जी ने कहा कि मुकुल रॉय का पार्टी में स्वागत है. मेरा मुकुल के साथ कोई मतभेद नहीं है. टीएमसी सबसे मजबूत पार्टी है. मुकुल ने हमारे साथ विधानसभा चुनाव में कोई गद्दारी नहीं की. जिन लोगों ने हमारे साथ गद्दारी की है, उन्हें पार्टी में नहीं लेंगे.
‘मुकुल रॉय को पद देने पर फैसला बाद में’मुकुल रॉय को पार्टी में पद देने के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि इस बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा. आइडियोलॉजी और पार्टी बदलने के सवालों पर पत्रकारों के सवालों के जवाब में ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी से पूछिए कि वो हर पार्टी को क्यों तोड़ना चाहती है. ममता ने कहा कि और भी बहुत सारे लोग टीएमसी में वापस आने वाले हैं. लेकिन, जिन लोगों ने पैसा और पावर के लिए टीएमसी के साथ गद्दारी की, उन्हें पार्टी में नहीं लेंगे. सिर्फ उन्हीं लोगों के नाम पर विचार किया जाएगा, जो टीएमसी के प्रति सॉफ्ट रहे और गद्दारी नहीं की.
राज्य में पहले ही बीजेपी के करीब 33 विधायकों के पार्टी छोड़ने की खबरें सामने आ रही थीं. हालांकि, एक फेसबुक पोस्ट के बाद यह भी कहा जा रहा था कि मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय टीएमसी में शामिल हो सकते हैं. उस दौरान भी मुकुल रॉय को लेकर चर्चाएं नहीं हो रही थीं. बीते दिनों टीएमसी सांसद और वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि कई लोग अभिषेक बनर्जी के संपर्क में हैं. रॉय इस बार नादिया जिले के कृष्णा नगर उत्तर प्रदेश सीट से चुनावी मैदान में थे. उन्होंने टीएमसी उम्मीदवार कौसानी मुखर्जी को हराया था.
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एनडीटीवी से बातचीत में सौगत रॉय ने कहा, ‘कई लोग हैं और अभिषेक बनर्जी के साथ संपर्क में हैं और वापसी करना चाहते हैं. मुझे लगता है उन्होंने जरूरत के समय पार्टी को धोखा दिया है.’ टीएमसी सांसद ने साफ कर दिया है, ‘आखिरी फैसला ममता दी लेंगी, लेकिन मुझे लगता है कि दल बदलने वालों को दो हिस्सों सॉफ्टलाइनर और हार्डलाइनर में बांटा जाएगा.’
हालांकि, कुछ समय पहले टीएमसी सांसद शुखेंदु शेखर ने इशारा किया था कि पार्टी दल बदलने वालों को लेकर जल्दबाजी में फैसला नहीं लेगी. उन्होंने कहा था कि पहले यह देखा जाएगा कि वे पार्टी से अलग क्यों हुए थे? वापसी का उद्देश्य क्या है? ऐसी जानकारी मिलने के बाद ही उनकी दोबारा सदस्यता को लेकर फैसला किया जा सकेगा.
रॉय की बीमार पत्नी को देखने पहुंचे थे अभिषेक बनर्जी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिषेक बनर्जी अस्पताल में भर्ती मुकुल रॉय की पत्नी कृष्णा रॉय का हाल जानने पहुंचे थे. ऐसा कहा जा रहा है कि अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुद रॉय से फोन पर बातचीत की थी. बीजेपी नेताओं का कहना है कि कृष्णा रॉय के जल्दी स्वस्थ होने को लेकर यह कॉल किया गया था. जबकि, टीएमसी नेताओं का मानना है कि यह बीजेपी की नेताओं को एक साथ रखने की कोशिश है.