आगरा के पारस हॉस्पिटल में ऑक्सिजन सप्लाई बंद किए जाने से कथित रूप से 22 मरीजों की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्ष के हमलों के बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां हॉस्पिटल को सीज करने का आदेश दे दिया है, वहीं अस्पताल के मालिक डॉ अरिंजय जैन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। इस बीच, वायरल वीडियो को लेकर डॉ अरिंजय जैन ने अपनी सफाई पेश की है। उनका कहना है कि वीडियो में आवाज तो उनकी है पर 22 मौतों की बात गलत है।
पारस अस्पताल के मालिक का कहना है- ‘कोरोना महामारी जब पीक पर थी, तब हमारे यहां तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल हुई थी। हमने यह जांचने के लिए क्लीनिकल असेसमेंट किया था कि हम किसी मरीज को ऑक्सिजन के न्यूनतम स्तर पर कैसे रख सकते हैं। उस समय आगरा ही नहीं, पूरे यूपी में ऑक्सिजन की किल्लत थी, दवाइयां भी नहीं मिल रही थीं। हम लोगों ने बहुत मेहनत कर चीजों को कंट्रोल से बाहर नहीं होने दिया।’
‘बस चेक कर रहे थे कि किस मरीज को कितने ऑक्सिजन की जरूरत’
डॉ अरिंजय जैन ने कहा कि यह वीडियो 28 अप्रैल का है। इसमें उनकी ही आवाज है, लेकिन ऑक्सिजन की कमी से 22 मौतों की बात गलत है। उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। कोरोना के हर मरीज को ज्यादा ऑक्सिजन की जरूरत नहीं होती है। केवल गंभीर मरीजों को ही आवश्यकता होती है। इसलिए हमने मॉक ड्रिल किया था। हम बस यह चेक कहे थे कि किस मरीज को कितने कम लीटर ऑक्सिजन लेवल पर रखा जा सकता है।
ऑक्सिजन की कमी से नहीं हुईं 22 मौतें: डीएम
दूसरी ओर, आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह का भी कहना है कि पारस अस्पताल में 22 मौतें ऑक्सिजन की कमी से नहीं हुई है। जिस समय का यह वीडिया है 28 अप्रैल, उस दौरान इस अस्पताल में प्रचुर मात्रा में ऑक्सिजन उपलब्ध था। इतने छोटे शहर में एक साथ अगर 22 मौतें हो जातीं तो हंगामा खड़ा हो जाता। अस्पताल मालिक के खिलाफ हमने महामारी ऐक्ट में एफआईआर दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है।