‘…जो चले गए उन्हें याद किया’
कोरोना काल के शुरुआती वक्त को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा ‘कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है।’ उन्होंने कहा कि ‘इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा।’ हेल्थ वर्कर्स को याद कर पीएम मोदी की आंखें डबडबा गईं। उन्होंने कहा, ‘सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं जो कभी घर वापस… लौटे नहीं। उन्होंने एक-एक जीवन को बचाने के लिए अपना जीवन आहूत कर दिया। इसलिए आज कोरोना का पहला टीका स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को लगाकर एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है।’
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‘…उन्होंने जीवन बचाने के लिए अपना जीवन आहुत किया’
….जब फेसबुक मुख्यालय में मां का जिक्र कर रो पड़े मोदी
नोटबंदी के फैसले के बाद कुछ ऐसा
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले के बाद पहली बार 13 नवंबर को गोवा में लोगों को संबोधित करते वक्त मोदी भावुक हो गए थे। मैंने… घर-परिवार… सब देश के लिए छोड़ दिया…, यह बोलते वक्त मोदी को बहुत मुश्किल से अपने आंसू जज्ब करने पड़े थे।
संसद में आडवाणी की बात पर भावुक हुए मोदी
गुजरात विधानसभा की वो फेयरवेल स्पीच
प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी के लिए गुजरात विधानसभा में विशेष सत्र का आयोजन किया गया था। इसमें मोदी ने फेयरवेल स्पीच में विपक्ष की तारीफ की थी। जब विपक्ष के नेता उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दे रहे थे, तब मोदी भावुक हो गए थे।