गहलोत ने वसुंधरा के करीबी आईपीएस को सौंपी हॉर्स ट्रेडिंग ऑडियो की जांच, केंद्रीय मंत्री शेखावत पर एफआईआर के बाद वसुंधरा खेमा खुश

विधायकों की खरीद-फरोख्त का ऑडियो सामने आने के बाद राजस्थान की सियासत ने पलटी खाई है। अशोक गहलोत फ्रंट फुट पर हैं और तेजतर्रार माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एफआईआर के बाद बैकफुट पर हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि गहलोत ने जिस आईपीएस अशोक राठौड़ को टेप की जांच सौंपी है, वह कभी उनके करीबी नहीं रहे। उनकी करीबी वसुंधरा राजे से है।
माना जा रहा है कि राज्य में वसुंधरा का विकल्प बनाए जा रहे शेखावत पर दबाव बनाने के साथ-साथ पायलट खेमे पर प्रेशर बनाने का गहलोत का गेम प्लान पूरी तरह से काम कर रहा है।

गहलोत का गेम प्लान इस तरह समझिए

1. राठौड़ को एसओजी चीफ बनाकर भी चौंकाया था

प्रदेश में कुछ माह पूर्व हुए तबादलों के दौरान गहलोत ने एसओजी की कमान वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अशोक राठौड़ को सौंप दी थी। गहलोत का यह कदम चौंकाने वाला था। राठौड़ कभी भी गहलोत के करीबी अफसर नहीं माने गए। ऐसे में उन्हें एसओजी की कमान सौंपने को अलग नजरिए से देखा जा रहा था।

अब गहलोत जिस तरीके से एसओजी का उपयोग कर रहे हैं, उसे देख लग रहा है कि इस खेल के तार काफी गहराई तक जुड़े हैं।

2. हॉर्स ट्रेडिंग के वायरल ऑडियो की टाइमिंग
जयपुर में इनकम टैक्स के छापे के बाद गहलोत खेमे ने अपने समर्थक विधायकों की होटल में बाड़ेबंदी कर दी। इसके बाद से संख्या बल की लड़ाई जारी है। अब गहलोत ने खरीद-फरोख्त की जांच कर रही एसओजी की मदद से समीकरण साधने शुरूकर दिए हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि एसओजी ने ही सरकार के इशारे पर खरीद-फरोख्त से संबंधित ऑडियो वायरल किए हैं।

3. शेखावत बैकफुट पर, वसुंधरा खेमा खुश

ऑडियो क्लिप के जारी होने के बाद गहलोत पर आक्रामक केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत बचाव की मुद्रा में हैं। वहीं, शेखावत का नाम इस प्रकरण में सामने आने के बाद वसुंधरा खेमा भी अंदरखाने खुश है। क्योंकि, पार्टी नेतृत्व प्रदेश में शेखावत को वसुंधरा राजे के विकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो शेखावत को मुख्यमंत्री बनना तय है।

4. आयकर छापों के बाद एक्टिव हुए गहलोत
प्रदेश में शुरू हुए सियासी संकट के बीच सबसे पहले आयकर विभाग सक्रिय हुआ। गहलोत के करीबी माने जाने वाले धर्मेन्द्र राठौड़ व राजीव अरोड़ा के प्रतिष्ठानों पर छापे मारेगए। सूत्रों के मुताबिक, यह गहलोत खेमे के नेताओं औरविधायकों को इशारा था कि ऐसी कार्रवाई उनके खिलाफ भी हो सकती है।

इस कार्रवाई में तो कुछ बड़ा सामने नहीं आया। लेकिन, इसके बाद गहलोत एक्टिव हो गए और साथ ही साथ एसओजी भी।

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फोटो 17 दिसंबर 2018 की है, जब जयपुर के अल्बर्ट हॉल में अशोक गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। वसुंधरा राजे कार्यक्रम में मौजूद थीं और शपथ के बाद उन्होंने गहलोत को शुभकामनाएं दीं।

Source: DainikBhaskar.com

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