एयर इंडिया अपने कर्मचारियों को बिना वेतन के अवकाश पर भेजने की तैयारी में है.
एयर इंडिया बोर्ड (Air India Board) ने खराब प्रदर्शन वाले कर्मचारियों को अवैतनिक छुट्टी (Leave Without Pay) पर भेजने की योजना को मंजूरी दे दी है. ऐसे में एयर इंडिया (Air India) अपने कुछ कर्मचारियों को 6 से 60 महीने तक की अवैतनिक छुट्टी पर भेज सकती है.
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पहले 2 साल, फिर 5 वर्ष तक के लिए बढ़ाई जा सकती है छुट्टी
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि एयर इंडिया के सीएमडी राजीव बंसल अब कर्मचारियों को छह महीने से दो साल की अवधि के लिए छुट्टी पर भेज सकते हैं. इसे पांच साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. बताया जा रहा है कि एयरलाइन संकट से उबरने और लागत घटाने के लिए ये स्कीम लेकर आई है. बता दें कि एयर इंडिया ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब केंद्र सरकार एयरलाइन को बेचने की कोशिश कर रही है. फिलहाल एयरलाइन की बिक्री प्रक्रिया कोरोना वायरस प्रकोप के कारण अधर में लटक गई है.
Air India Board has approved a scheme whereby employees can opt to take Leave Without Pay ranging from 6 months or for 2 years and the same can be extendable up to 5 years. pic.twitter.com/Ikp3Rp2kwm
— ANI (@ANI) July 15, 2020
तीन पैमानों पर किया जाएगा कर्मचारियों की परफॉर्मेंस का आकलन
आदेश में कहा गया है, ‘मैनेजमेंट को यह अधिकार है कि वह किसी भी कर्मचारी का मूल्यांकन कर एयरलाइन की जरूरत, सेहत और कॉम्पिटेंस लेवल के आधार पर अवैतनिक अवकाश पर भेज सकता है.’ स्कीम की घोषणा के बाद एयर इंडिया मुख्यालय में सभी डिपार्टमेंट हेड और रिजनल ऑफिस में रिजनल डायरेक्टर्स इन तीनों पैमानों पर हर कर्मचारी का आकलन करेंगे. आकलन के बाद अवैतनिक छुट्टी पर भेजे जाने वाले कर्मचारियों की सूची तैयार की जाएगी. इस सूची पर सीएमडी की मुहर लगने के बाद कर्मचारियों को अवैतनिक अवकाश पर भेज दिया जाएगा.
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15 अगस्त तक कर्मचारियों की सूची सीएमडी को सौंप दी जाएगी
मैनेजमेंट कर्मचारी की उपयुक्तता, एफिसिएंशी, कॉम्पिटेंस लेवल, परफॉर्मेंस क्वॉलिटी, हेल्थ स्टेटस और छुट्टियों के रेकॉर्ड का आकलन करेगा. इसके बाद ही किसी कर्मचारों को बिना वेतन के अवकाश पर भेजने का फैसला लिया जाएगा. रिजनल डायरेक्टर्स और डिपार्टमेंटल हेड को 15 अगस्त तक सूची एयर इंडिया के सीएमडी को भेजने के लिए कहा गया है. एयर इंडिया में करीब 13 हजार स्थायी कर्मचारी हैं इनकी हर महीने की सैलरी पर 230 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. कंपनी नॉन-परफॉर्मिंग कर्मचारियों को अवैतनिक अवकाश पर भेजकर अपनी नकदी की समस्या से भी थोड़ी निजात पा लेगी.