coronavirus: तेलंगाना में 6 लोगों की कोरोना से मौत, जमात के कार्यक्रम में आए थे दिल्ली – दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

Publish Date:Tue, 31 Mar 2020 12:21 AM (IST)

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी मरकज में शामिल छह लोगों की सोमवार को तेलंगाना में मौत हो गई। ये सभी कोरोना वायरस से संक्रमित थे। वहीं दिल्ली में मरकज से जुड़े 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा 228 संदिग्ध मरीज भी दिल्ली के दो अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं। इनकी रिपोर्ट आनी बाकी है। इस तरह से कुल 252 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

बताया जा रहा है कि मरकज से जुड़े कोरोना पीडि़त इंडोनेशिया, मलेशिया व जापान भी गए थे। वहां से लौटने के बाद इनमें से कई लोग तेलंगाना, तमिलनाडु व अंडमान गए थे। इस तब्लीगी मरकज में शामिल 1600 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। निजामुद्दीन में क्वारंटाइन किए गए जिन लोगों में बुखार, खांसी व सांस की परेशानी जैसे लक्षण विकसित हो रहे हैं, उन्हें अस्पताल में स्थानांतरित किया जा रहा है। इस बीच मरकज के दो मौलाना खिलाफ दिल्ली सरकार ने एफआइआर दर्ज करने को कहा है।

करीब 102 लोग सोमवार को भी लोकनायक व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए। राजीव गांधी अस्पताल में पिछले तीन दिनों में कुल 99 लोग भर्ती कराए जा चुके हैं। 28 मार्च को 31 लोग भर्ती कराए गए थे, जिनमें से 18 लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। बाकी मरीजों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं लोकनायक अस्पताल में पिछले दो दिनों में निजामुद्दीन से 153 लोग भर्ती कराए गए हैं।

इसी के साथ यहां भर्ती संदिग्ध मरीजों की संख्या 174 हो गई है। इसमें से 64 मरीजों को सोमवार को डीटीसी बस से ले जाकर लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया। गौरतलब है कि तबलीगी मरकज से लौटकर जम्मू-कश्मीर आने वाले जम्मू-कश्मीर के सोपोर निवासी 65 वर्षीय संक्रमित बुजुर्ग की 26 मार्च को मौत हो चुकी है। इस लापरवाही ने राज्य को नए संकट में डाल दिया है क्योंकि मरकज में शामिल होकर लौटे बुजुर्ग राज्य के कई क्षेत्रों में कोरोना वायरस फैलाने का कारण बन गया। यही कारण है कि उसके आसपास के दायरे में जांच करने पर सिर्फ चार दिन में 35 नए संक्रमित सामने आए हैं।

मरकज ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच निजामुद्दीन में लॉकडाउन के दौरान आयोजित हुए तब्लीगी मरकज के कारण इलाके के हजारों लोग मुसीबत में आ गए हैं। इस मरकज में करीब डेढ़ हजार लोग शामिल हुए थे। इनमें चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, सऊदी अरब, इंग्लैंड के भी 100 से अधिक लोग मौजूद थे। दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त राजेंद्र प्रसाद मीणा ने बताया कि मरकज के आयोजकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। जवाब आने के बाद उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए दिया जाता है प्रशिक्षण

यहां इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार व सुधार के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। एक समय में इसमें करीब डेढ़ हजार लोग शामिल होते हैं। 15 मार्च के बाद भी यहां विदेशी मरकजी आते रहे। जिस समय लॉकडाउन हुआ, उस सयम यहां 1500 लोग मौजूद थे।

निजामुद्दीन में मामला सामने अाने पर मचा हड़कंप

दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीग-ए-जमात में कुछ दिन पहले आयोजित एक कार्यक्रम में 300 से 400 लोगों ने हिस्सा लिया था, उनमें से करीब 200 लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका जताई गई है। इनमें से करीब 163 लोगों को हल्की खांसी-जुकाम की शिकायत के बाद दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, इस मामले के सामने आते ही हड़कंप मच गया, दिल्ली पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है।

केजरीवाल सरकार ने दिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश

दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजामुद्दीन में तबलिग-ए-जमात बैठक के आयोजन के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने कहा कि बिना अनुमति के ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें करीब 200 लोग शामिल हुए थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब हमें पता चला कि इस तरह का आयोजन किया गया था, तो हमने उन्हें कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के तहत निषेधाज्ञा और लगायी गई पाबंदियों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस दिया।

करीब 163 लोग अस्पताल में कराए गए भर्ती

अधिकारियों ने बताया कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया है और उनकी जांच की जा रही है। इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली सरकार ने धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों के विरोध प्रदर्शनों के लिए एकत्र होने पर भी रोक लगाई थी।

Posted By: Sanjeev Tiwari

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