नई दिल्ली/वॉशिंगटन. शुक्रवार को जब भारतीय शेयर बाजार खुलेगा, तो इसकी शुरुआत खराब होने के आसार हैं। इसकी वजह है अमेरिकी शेयर मार्केट डाउ जोंस में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन ओपनिंग के वक्त रिकॉर्ड गिरावट दर्ज होना। डाउ जोंस गुरुवार सुबह यानी भारतीय समयानुसार गुरुवार रात 8 बजे ओपनिंग के साथ ही 1943 प्वाइंट तक फिसल गया। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी बाजार में इस गिरावट का असर भारतीय शेयर मार्केट पर पड़ना तय है। एक दिन पहले यानी भारतीय समयानुसार बुधवार रात को जब डाउ जोंस में 1464 अंक की गिरावट दर्ज की गई थी, तब अगले दिन यानी गुरुवार को सेंसेक्स में 2919 अंकों की गिरावट देखी गई। इससे आशंका जताई जा रही है कि शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट रहेगी। वैसे भी हफ्ते के आखिरी ट्रेडिंग-डे पर शेयर बाजार में उथलपुथल ही देखी जाती रही है।
भारतीय बाजार भी बीयरिश मार्केट की ओर
अमेरिकी बाजार बीयर मार्केट की ओर बढ़ रहा है। रुझान देखें तो भारतीय बाजार भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। बीयर मार्केट ऐसी स्थिति होती है जब इंडेक्स या निवेश की वैल्यू हाल के उच्च स्तर से 20% या उससे नीचे गिर जाती है। इस साल की बात करें तो सेंसेक्स 2020 अब तक 19.60% गिर चुका है। 1 जनवरी को बाजार 41306 अंकों पर खुला था। 12 मार्च को बाजार 32,778.14 अंकों पर बंद हुआ।
बीयर मार्केट के चार चरण
- शुरुआत ऊंची कीमत के साथ निवेशकों की ऊंचे सेंटीमेंट के साथ होती है। इस चरण के अंत में निवेशक बाजार से प्रॉफिट लेकर बाजार से निकलना शुरू होते हैं।
- स्टॉक कीमतें तेजी से गिरती हैं। कॉरपोरेट प्रॉफिट गिरने के साथ इकनॉमिक इंडीकेटर नीचे आ जाते हैं। सेंटीमेंट गिरने से निवेशकों में घबराहट का माहौल बन जाता है।
- अनुमान लगाने वाले बाजार में प्रवेश करते हैं और कीमतों के साथ ट्रेडिंग वाल्यूम में बढ़ोतरी होती है।
- आखिरी चरण में धीरे-धीरे शेयरों की कीमत में गिरावट जारी रहती है। इसके बाद कम कीमतों और अच्छी खबरों से निवेशक फिर से आकर्षित होते हैं।
भारतीय बाजार गिरने की 3 बड़ी वजह
- अमेरिकी बाजार: कोरोनावायरस के चलते ट्रम्प ने 26 यूरोपीय देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके चलते एक दिन में डाउ जोंस रिकॉर्ड 1464 अंक गिर गया।
- कोरोना वायरस: कोरोनावायरस से चीन के अलावा के अलावा दुनिया के 110 से ज्यादा देशों में फैल गया है। डब्ल्यूएचओ के इसे महामारी घोषित करने के बाद निवेशक घबराए हैं।
- क्रूड ऑयल: सऊदी अरब और यूएई ने कहा- 10 लाख बैरल प्रतिदिन तेल उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है, इससे तेल के दाम गिर गए हैं। सोमवार को भी क्रूड में 30 फीसदी की गिरावट आई थी।
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Source: DainikBhaskar.com