- दिल्ली में अब तक कोरोना का सिर्फ 1 मरीज: मनीष सिसोदिया
- दिल्ली सरकार के पास साढ़े 3 लाख मास्क तैयार
- कोरोना से बचने के लिए साफ-सफाई का रखें ध्यान
- ‘पैनिक होने की जरूरत नहीं, बीमारी का इलाज संभव’
नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया है। मरीज सफदरजंग अस्पताल में भर्ती है। उनके परिवार और करीबी लोगों की जांच की जा रही है और वे कड़ी निगरानी में हैं। दिल्ली और केंद्र सरकार कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठा रही हैं। लोगों के मन में कोरोना का खौफ है लेकिन सरकार लगातार अपील कर रही है कि किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। मंगलवार शाम को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना के बारे में अहम जानकारी साझा की। स्वास्थ्य मंत्री ने अपील करते हुए कहा कि लोगों को घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। यह एक बीमारी है, जो इलाज करने पर ठीक हो जाती है। हालांकि कुछ ऐसी बातें हैं जिसके कारण दिल्ली के लोगों की टेंशन बढ़ गई है। आइए समझते हैं। पहले जानते हैं कि दिल्ली में किस तरह की तैयारी है।
230 बेड, 12 जगहों पर मेडिकल टेस्ट का इंतजाम
सत्येंद्र जैन ने बताया कि 25 अस्पतालों में कोरोना से निपटने की व्यवस्था की गई है। 230 बेड्स तैयार हैं। वहीं, 12 जगहों पर मेडिकल टेस्ट का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा साढ़े 3 लाख N95 मास्क की व्यवस्था की गई है। दिल्ली में कोरोना के मामलों की संख्या पर उन्होंने बताया कि अभी तक 1 मामले की पुष्टि हुई है।
संक्रमित मरीज से बनाएं ढाई से फीट की दूरी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ सावधानिया हैं जो बरतनी चाहिए। इनमें सबसे जरूरी है कि हाथ धोकर ही अपनी आंखें, मुंह आदि को छुएं। जो व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है उसके बिल्कुल करीब ना जाएं, कम से कम 2 से ढाई फीट के अंतराल पर रहें। सबसे ज्यादा जरूरी है कि घबराएं नहीं। साफ-सफाई का बहुत ज्यादा ध्यान रखें। उन्होंने आगे कहा कि हमने दिल्ली में कोरोना को लेकर काफी तैयारियां की हैं। इस मामले में ऐहतियात बरतने की जरूरत है।
मरीज और हेल्थ स्टाफ को मास्क लगाने की जरूरत
डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि अभी दिल्ली में 1 व्यक्ति में कोरोना की पुष्टि हुई है। उनके संपर्क में जो भी 10-12 लोग जो आए हैं, उनको अलग रखा गया है और उनसे बात हो रही है व जांच भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि नोएडा और दिल्ली का जो मामला बताया जा रहा है, उसमें पीड़ित शख्स एक ही है। उन्होंने कहा कि पैनिक होने की जरूरत नहीं है। अगर किसी में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। मरीज और हेल्थ स्टाफ को मास्क लगाने की जरूरत है।
अब समझिए किस बात की ज्यादा टेंशन
दरअसल, राजधानी के एक पांच सितारा होटल ने कुछ कर्मचारियों को 14 दिन तक अपने घर में अलग रहने के लिए कहा है। ये सभी कर्मचारी 28 फरवरी को होटल के उस रेस्तरां में मौजूद थे जहां कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति ने रात में खाना खाया था। होटल ने कहा है कि इसने सरकारी परामर्श के अनुसार होटल में सभी एहतियाती कदम उठाए हैं। सरकारी अधिकारियों ने हाल ही में पुष्टि की है कि 28 फरवरी, 2020 को हयात रीजेंसी दिल्ली में ला पियाजा रेस्तरां में भोजन करने वाले एक व्यक्ति को कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है।’ ऐसे में उस दिन संक्रमित व्यक्ति के आसपास मौजूद लोगों की टेंशन बढ़ना लाजिमी है। आशंका यह भी है कि इससे कुछ और लोग चपेट में न आ गए हों।
माउथ मास्क
हयात रीजेंसी दिल्ली ने इमारत में प्रवेश करने और बाहर निकलने पर सभी कर्मचारियों और ठेकेदारों का दैनिक तापमान जांचना भी शुरू कर दिया है। हयात की ओर से बताया गया है कि इस समय उनके किसी भी कर्मचारी में इस वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
इतना ही नहीं, दिल्ली के 45 वर्षीय मरीज के संपर्क में छह लोग आए हैं। इसमें मरीज के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, मयूर विहार के रहने वाला यह व्यक्ति आगरा भी गया था। फिलहाल छह लोगों को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पृथक वार्ड में रखा गया है। उनके नमूनों को जांच के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा गया है।