आतंकवाद विरोधी जांच में उत्कृष्ट कार्य कर चुकी हैं अटवाल
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजिलेंस सतवंत अटवाल त्रिवेदी को वर्ष 2012 में सराहनीय सेवाएं के लिए भी प्रतिष्ठित पुलिस पदक से नवाजा जा चुका है। त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने सेवाओं के दौरान कई आतंकवाद विरोधी जांचें की हैं। आतंकी मामले और एनआईए में प्रशिक्षण और नीति निर्माण में भी शामिल रही हैं। बीएसएफ में सेवाओं के दौरान उन्होंने आईजी के रूप में प्रतिष्ठित इंटेलिजेंस विंग का नेतृत्व किया है। वह बांग्लादेश सीमा के लिए नोडल डीआईजी थीं। इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डिजिटल इंटेलिजेंस ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया। उनकी बेदाग और अनुकरणीय सेवाओं को देखते हुए गणतंत्र दिवस 2023 के अवसर पर विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक के लिए चुना गया है।
डिप्टी कमांडेंट जनरल (होमगार्ड) अनुज तोमर ने कहा कि उन्होंने वायु सेना में सेवाएं दी हैं। उनके पास मुख्य अग्निशमन अधिकारी का भी अतिरिक्त कार्यभार रहा है। अग्निशमन का प्रशिक्षण संस्थान जुन्गा में एक निजी भवन में चलता था, इसके लिए सरगीण में सरकारी जमीन तलाशी गई। यहां आधुनिक उपकरण स्थापित किए गए। अब यह आपदा संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सेना में रहते हुए उन्हें बेहतरीन कार्य किए हैं। अब उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा।
पर्यटन नगरी मनाली में अग्निशमन विभाग में तैनात सब फायर ऑफिसर प्रेम सिंह ने जुलाई 2022 को मनाली में ब्यास नदी में फंसे एक पर्यटक को रेस्क्यू किया था। हरियाणा के रहने वाला सैलानी बरसात के मौसम में आई बाढ़ से ब्यास में फंस गया था। तभी अग्निशमन विभाग मनाली के सब फायर ऑफिसर प्रेम सिंह ने नदी में जाकर अपनी जान की परवाह किए बगैर सैलानी को बचाया था। प्रेम सिंह ने अग्निशमन सेवा मेडल मिलने पर खुशी जताई है। उन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए पदक से सम्मानित किया जाएगा।
अग्निशमन केंद्र ऊना में तैनाती के दौरान फायर अफसर नितिन धीमान ने सोमभद्रा नदी के पुल के नीचे फंसे एक व्यक्ति को रस्सों के सहारे 19 अगस्त 2020 को सुरक्षित निकाला था। अग्निशमन विभाग ऊना के दल-बल की कमांड करते हुए नितिन धीमान ने रस्सों और लाइफ जैकेट की सहायता से व्यक्ति को सुरक्षित निकाला था। नितिन धीमान अग्निशमन विभाग में वर्ष 1997 में बतौर फायरमैन भर्ती हुए थे। वर्तमान में अधिकारी ऊना के अग्निशमन केंद्र में सेवाएं दे रहे हैं। कहा कि वह शिमला, धर्मशाला, जसूर, देहरा व ऊना में रहते हुए लोगों के जानमाल को बचाने का कार्य कर चुके हैं।
डीएसपी जितेंद्र सिंह ने बद्दी में सेवाएं प्रदान करने के दौरान हत्या, अपहरण, एनडीपीएस एक्साइज एक्ट, वन संरक्षण अधिनियम की वारदातों में संलिप्त आरोपियों को सलाखों तक पहुंचाया। 2013 में उन्होंने डीजीपी डिस्क अवार्ड हासिल किया था। अब इन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए पदक से सम्मानित किया जा रहा है।