पाकिस्तान में ब्लैकआउट: ‘आईएमएफ़ वाले बिजली का मीटर उतार कर ले गए हैं…’ – BBC हिंदी

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पाकिस्तान में सोमवार को बिजली संकट की वजह से कुछ ऐसे हालात पैदा हुए कि बहुत से लोगों के घरों टंकी में नहाने के लिए पानी ख़त्म हो गया था, मोबाइल में चार्जिंग का उपाय नहीं था, दफ़्तर जाने वाले कपड़े की इस्त्री नहीं हो पाई थी, फ़्रीजर में पड़ा गोश्त ख़राब होने का डर सताने लगा था लेकिन सोशल मीडिया पर एक बड़े तबका का मीम्स की दुनिया में दिल लगा हुआ था.

पाकिस्तान में सोमवार सुबह लगभग पूरे देश की आंख अंधेरे में खुली… वो भाग्यशाली थे जो रात को फ़ोन चार्जिंग पर लगा कर, कपड़े इस्त्री कर के और टंकियों में पानी भरकर सोने गए थे.

बहुत से लोग सुबह उठते ही सबसे पहले पावर बैंक या चार्जिंग के दूसरे ज़रिये और इस्त्री किए हुए कपड़ों से लेकर टंकी में पानी तलाश करते नज़र आए.

और जिनका मोबाइल फ़ोन चार्ज हो चुका था, वह लग गए उस काम पर जिसमें पाकिस्तानियों का कोई जोड़ नहीं… यानी मीम्स गेम.

पाकिस्तानियों की मीम फैक्ट्री से…

पाकिस्तान में महंगाई की समस्या हो, क्रिकेट टीम इंडिया से मैच हार जाए, पेट्रोल की क़ीमतें बढ़ जाएं या कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन लग जाए या देश भर की बिजली बंद हो जाए, जो चीज़ बंद नहीं हो पाई वह है पाकिस्तानियों की मीम फैक्ट्री.

ऐसा नहीं है कि मीम की इस दुनिया का एक चक्कर लगाने से आपके घर बिजली आ जाएगी या गंभीर समस्याएं हल हो जाएंगी लेकिन यह ज़रूर है कि कुछ देर के लिए शायद आप अपना दुख भूल जाएंगे और आपको ये हिम्मत भी मिलेगी कि आप अकेले नहीं हैं…

आज हम भारत से हारे तो नहीं मगर कुछ वैसी ही स्थिति है…सबकी बिजली बंद है मगर मीम्स के आने का सिलसिला नहीं रुका.

किसी ने लिखा कि शायद देश में मार्शल लॉ लग रहा है, इसलिए सारे देश की बिजली बंद कर दी गई है. कोई समझा कि शायद सरकार को किसी आईटी एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि देश को कंप्यूटर की तरह ऑफ़ करके ऑन करें.

एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “क़िस्त अदा न करने पर आईएमएफ़ वाले पाकिस्तान का मीटर उतार कर ले गए हैं.”

अदील ग़ौरी ने व्यंग्य करते हुए लिखा कि ‘मिशन मजनूं’ फ़िल्म वाला सिद्धार्थ आया था न्यूक्लियर प्लांट उड़ाने, मगर किसी लाहौरिए ने ग़लत रास्ता बता कर इलेक्ट्रिक पावर प्लांट पर भेज दिया और वह पावर प्लांट उड़ा कर चला गया.

एक और यूजर ने एक मीम शेयर किया जिसमें पाकिस्तान में पावर ब्रेक डाउन के बाद होने वाली बातचीत देने की कोशिश की गई है… हर बात बस बिजली से संबंधित है.

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि आज देश के अधिकतर शहरों में आसमान भी साफ नहीं और एक यूजर ने मीम के द्वारा उनके हालात दिखाए हैं: “जिनके यहां सोलर पैनल लगे हैं वह सूरज की रोशनी को और जिनके घर जनरेटर हैं वह गैस और यूपीएस वाले रो रहे हैं कि चार्जिंग नहीं कर पाए.”

आफ़ताब ने एक तस्वीर शेयर की जिसमें लोग गुफाओं से बाहर तंबू लगाकर लकड़ियां जलाने की कोशिश कर रहे हैं…

अधिकतर बिजली उपभोक्ता मोबाइल सिग्नल से लेकर चार्जिंग को लेकर परेशान नज़र आए और जो रात में चार्जिंग करके या मोबाइल चार्ज पर लगाकर सोए, वह सोमवार को सच में चांद पर थे.

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