श्रद्धा मर्डर: पुलिस ने आफ़ताब से पॉलीग्राफ़ टेस्ट में क्या पूछा? प्रेस रिव्यू – BBC हिंदी

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दिल्ली पुलिस ने बीते गुरुवार श्रद्धा मर्डर केस की जांच में एक कदम आगे बढ़ाते हुए मुख्य अभियुक्त आफ़ताब पूनावाला का पॉलीग्राफ़ टेस्ट किया है.

इस दौरान आफ़ताब से इस हत्याकांड से लेकर उसके परिवार और बचपन से जुड़े सवाल किए गए.

अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस आफ़ताब को पॉलीग्राफ़ टेस्ट के पहले सेशन के लिए दोपहर में रोहिणी लेकर गयी थी.

इसी बीच दिल्ली पुलिस को आफ़ताब के फ़्लैट से कई धारदार चीजें मिली हैं जिन्हें जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है.

एक पुलिस अधिकारी ने अख़बार को बताया, ‘हम इन चीजों पर खून के निशान तलाश रहे हैं. पूनावाला ने कहा था कि उसने श्रद्धा के शरीर के 30-35 टुकड़े करने के लिए दो तीन छोटी-छोटी आरियों का इस्तेमाल किया. हम अब तक वो हथियार नहीं ढूंढ़ पाए हैं. हम उसके दावों की जांच कर रहे हैं.”

वहीं, फोरेंसिक टीम से जुड़े एक अधिकारी ने पॉलीग्राफ़ टेस्ट के उद्देश्य बयां करते हुए इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि ‘इसका उद्देश्य हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार खोजना है. इसके साथ ही श्रद्धा का फोन और उसके शरीर के टुकड़े तलाशना भी इसका उद्देश्य है.

“इस दौरान हमने इन दोनों के आपसी रिश्तों से जुड़े सवाल किए. आफ़ताब से उसके बचपन, परिवार, रिश्तों से लेकर ये सवाल भी किए कि क्या उसने श्रद्धा वालकर की हत्या की है, अगर हां तो क्यों? और उसने सबूत कहां छिपाए हैं. उसने काफ़ी अच्छी तरह से सवालों के जवाब दिए हैं.”

फोरेंसिक टीम के अधिकारी ने ये भी कहा है कि अब उनकी टीम इन जवाबों की सामग्री का अध्ययन करते हुए उनका विश्लेषण करेंगे जिसके बाद उन्हें पुलिस के साथ साझा किया जाएगा.

दिल्ली पुलिस की टीम इस मामले की जांच करते हुए दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र में जंगलों, झीलों और नदी नालों में सबूत तलाश रही है.

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया है कि ‘आफ़ताब हत्या के बाद मुंबई आया था तो उसने शायद श्रद्धा की चीजों और दूसरे सबूतों को वसई या ठाणे में फेंक दिया हो.’

मुंबई में सबूतों की तलाश पर एक सूत्र ने बताया है कि ‘आफ़ताब ने दावा किया है कि उसने श्रद्धा के सिमकार्ड को दिल्ली में और फोन को भयंदर के पास समंदर में फेंक दिया था. हमें पता चला है कि वह अपने मां-बाप को वसई से मीरा रोड में घर शिफ़्ट कराने के लिए मुंबई आए थे. ऐसा लग रहा है कि जब उसकी ट्रेन खाड़ी से होकर गुज़र रही थी तभी उसने फोन समंदर में फेंक दिया.”

हालांकि, अब तक दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कोई अहम सबूत मिलने की सूचना नहीं दी है.

दिल्ली पुलिस को दक्षिणी दिल्ली के जंगलों और नालों से कुछ हड्डियां मिली हैं जिनकी जांच फोरेंसिक टीम कर रही है.

लेकिन अब तक ऐसी कोई चीज़ सामने नहीं आई है जिसके आधार पर इस मामले में कुछ भी पुख़्ता ढंग से कहा जा सके.

ज़मीन को लेकर बीजेपी सरकारों में खिंची तलवार

Twitter-BSBommai/Dev_Fadnavis

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महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद के चलते अब दोनों राज्यों में बीजेपी के नेता आमने-सामने आ गये हैं.

कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है. इसके बावजूद महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कर्नाटक सीएम बीआर बोम्मई के बीच कहा-सुनी की नौबत आ गयी है.

फडणवीस ने कहा है कि उनकी सरकार कर्नाटक के मराठी भाषी गांवों को लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कड़ा संघर्ष करेगी.

इस पर बोम्मई ने पलटवार करते हुए इसे एक भड़काऊ बयान बताया है.

अंग्रेजी अख़बार द हिंदू में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, बोम्मई ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य की ज़मीन, पानी और सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए समर्पित है. कर्नाटक के सीमावर्ती ज़िलों में ज़रा भी भूमि देने का सवाल ही नहीं उठता. हम मांग करते हैं कि महाराष्ट्र के कन्नड़ भाषी इलाकों जैसे सोलापुर और अक्कलकोट को कर्नाटक के साथ मिलाना चाहिए.

इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह इस मुद्दे पर अगले महीने सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे.

बोम्मई ने कहा है कि उन्होंने साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट में ये मामला दायर किया था, वे अब तक सफल नहीं हुए हैं, और आगे भी सफल नहीं होंगे. हम अपनी कानूनी लड़ाई को पूरी ताक़त से लड़ने के लिए तैयार हैं.

एम्स साइबर संकट जारी, सर्वर बचाने में जुटीं हैं राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां

अजीत डोवाल

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देश के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल और शोध संस्थान एम्स दिल्ली का सर्वर दो दिन बाद भी ठीक नहीं हो पाया है.

अमर उजाला में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, सुरक्षा कारणों से गुरुवार शाम एम्स का लैन इंटरनेट सर्वर भी बंद करना पड़ा. एम्स परिसर में अभी मोबाइल इंटरनेट सेवा से काम चलाया जा रहा है.

इस मामले की जांच में भारतीय जांच एजेंसियां लगी हुई हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी गुरुवार को एम्स पहुंचे.

यह पता किया जा रहा है कि कहीं चीन की ओर से साइबर हमला तो नहीं किया गया है.

एम्स प्रबंधन ने देर शाम कंप्यूटर शाखा से जुड़े दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

एम्स प्रबंधन ने एक बयान में रैनसमवेयर साइबर हमले की आशंका जताई थी लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है.

सूत्रों का कहना है कि आईटी मंत्रालय के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अन्य एजेंसियां एम्स के सिस्टम को बचाने में जुटी हैं.

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