दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कहा कि ‘जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने का फैसला बिलकुल गलत है। जितना हक एक पुरुष को इबादत का है, उतना ही एक महिला को भी। मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं। इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है।‘
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस फरमान को ‘महिला विरोधी’ बताया है। VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि ‘संविधान ने जो अधिकार दिए हैं, उनपर भी प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। हरकत तो लड़के करते हैं और आप लड़कियों को कठघरे में खड़ा कर रहे हो!’
लड़कों को वक्त देती हैं अकेली लड़कियां: जामा मस्जिद
जामा मस्जिद के पीआरओ ने आगे कहा, ‘हमारा पाबंदी लगाने का मकसद यही है कि मस्जिद इबादत के लिए है और उसका इस्तेमाल सिर्फ इबादत के लिए हो।’ न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में खान ने कहा, ‘हमने केवल अकेली लड़कियों के आने पर पाबंदी लगाई है जो यहां आकर लड़कों को वक्त देती हैं, उनके साथ मुलाकातें करती हैं, गलत हरकतें करती हैं…। अगर कोई यहां आकर इबादत करना चाहे, नमाज पढ़ना चाहे तो मोस्ट वेलकम।‘