Sudhakar Singh’s resignation: मुख्यमंत्री नीतीश के सवाल पर भी सुधाकर सिंह ने दिखाई थी हनक, क्या उसी दिन लिख दी गई थी इस्तीफे की स्क्रिप्ट? – Navbharat Times

पटना: बिहार के कृषिमंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे का अनुमान पिछले एक पखवाड़े से लगाया जा रहा था। सुधाकर सिंह द्वारा अधिकारियों के खिलाफ लगातार की जा रही बयानबाजी और सीएम नीतीश कुमार से तकरार उनके इस्तीफे की मुख्य वजह बनी। सुधाकर सिंह ने मंत्री पद पर रहते हुए विभाग की कई गड़बड़ियों को उजागर किया था और दावा किया था कि वे खूंटा ठोक कर काम करेंगे, इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन अंततः उन्हें अपना पद छोड़ना ही पड़ा है।

लालू प्रसाद का ही फैसला होगा मान्य
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का खुद को समर्पित सिपाही कहने वाले सुधाकर सिंह ने कुछ दिनों पहले इस्तीफे की चर्चा को खारिज करते हुए कहा कि उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सिर्फ और सिर्फ आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ही फैसला कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि जो कुछ उन्होंने कहा कि उस पर वे कायम है। उसमें किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए।
बिहार के कृषि मंत्री का इस्तीफा, बयानों की वजह से विवादों में रहे सुधाकर सिंह, अफसरों पर लगाए थे करप्शन के आरोप
कैबिनेट की बैठक में सीएम से बहस की आई थी खबर
बिहार कैबिनेट की पिछले दिनों हुई बैठक में भी मंत्री सुधाकर सिंह और सीएम नीतीश कुमार के बीच बहस की खबर आई थी। हालांकि तब सुधाकर सिंह ने दावा किया था कि उनका मुख्यमंत्री से कोई झगड़ा नहीं है। उनसे उनकी कोई बहस भी नहीं हुई है और न ही वह मंत्रिमंडल की बैठक बीच में छोड़ कर बाहर निकले है। हालांकि तब विभिन्न समाचार माध्यमों की ओर से यह दावा किया गया था कि सुधाकर सिंह ने कैबिनेट की बैठक के बाद अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी थी।

‘मेरे विभाग के अधिकारी चोर, वसूलते हैं 25-50 हजार’ : कैमूर में भगवानपुर में आयोजित किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि मेरे विभाग के अधिकारी भ्रष्ट हैं। 25-50 हजार की वसूली करते हैं। लेकिन जल्द ही सारे अधिकारी ठीक हो जाएंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि सब्सिडी नाम की बीमारी को खत्म करना है। क्योंकि सब्सिडी एक दो के लिए नहीं सभी के लिए आती है। इसका फायदा एक दो लोग ही उठा पाते हैं। अब सब्सिडी का पैसा बाजार समिति और मंडी बनाने में खर्च किया जाएगा। अपने विभाग के बीज पर आरोप लगाया कि बीज निगम द्वारा किसानों को फर्जी बीज दिया गया है। समय से पहले ही बीज में बालियां लग गई और फसल की गुणवत्ता काफी खराब है। एक सप्ताह के भीतर पूरे मामले की जांच होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये सिस्टम पिछले 17 सालों से जर्जर हो गया है

अधिकारियों के रवैये को लेकर सुधाकर सिंह ने दिया था विवादित बयान
कृषिमंत्री सुधाकर सिंह के विवादों में घिरने की शुरुआत उस वक्त हो गयी थी। जब उन्होंने विभाग में बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था और विभाग के सभी अधिकारियों को भ्रष्ट अधिकारी बता दिया था। कृषिमंत्री के इस बयान के बाद सीएम नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह की अनुपस्थिति में ही बिहार में व्याप्त सूखे की हालात को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक में कृषि विभाग के प्रधान सचिव एन. सरवनन समेत विभाग के अन्य सभी वरीय पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में सूखे प्रभावित किसानों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने की रणनीति पर चर्चा हुई थी।

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