Independence Day 2022: किसने तय किया स्वतंत्रता दिवस का दिन? आइए जानें इसका इतिहास और महत्व – Aaj Tak

Independence Day 2022: स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2022) उस दिन का वार्षिक उत्सव है जब भारत ने अंग्रेजों के शासन से आजादी हासिल की थी. यह हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन था, क्योंकि यह आजादी हासिल करने के लिए भारतीयों ने काई साल तक संघर्ष किया, कुरबानियां दीं और अपनों को खोया है तब जाकर भारत को ब्रिटिश राज से आधिकारिक रूप से आजादी मिली. हर साल भारतीय इस दिन को पूरे जोश और उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते हैं. उन नायकों को याद करते हैं जिन्होंने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की.

भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
भारत पर कई सालों तक अंग्रेजों का शासन रहा. लगभग 200 सालों तक भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था. 1700 के दशक में अंग्रेजी व्यापारी बनकर भारत में घुसे थे. ईस्ट इंडिया कंपनी कंपनी ने प्लासी की लड़ाई जीती और भारत पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया. 1857 में भारत ने विदेशी शासन के खिलाफ पहली बार सिर उठाया था और विद्रोह किया. यह भारतीय सैनिक मंगल पांडे के नेतृत्व में सिपाही विद्रोह था जिसमें लगभग पूरा देश अंग्रेजों के खिलाफ एकजुट हो गया. दुर्भाग्य से, भारत हार गया और भारतीय शासन अंग्रेजों के हाथों में चला गया, जिसने भारत के स्वतंत्र होने तक शासन किया. हालांकि, इस घटना के बाद पूर्ण स्वतंत्रता के आंदोलन को और मजबूती मिली क्योंकि भारतीयों ने देखा कि ब्रिटिश लोग भारतीयों के प्रति कितने क्रूर हैं.

किसने तय किया भारत का स्वतंत्रता दिवस
भारत के आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने ही 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता दिवस तय करने का फैसला किया था. पहली बार भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडा फहराया था.

भारतीय स्वतंत्रता दिवस का महत्व 
हर साल हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, इस पर विचार करते हैं कि हमारे देश ने स्वतंत्रता हासिल करने के लिए क्या कुछ किया और किन लोगों ने बलिदान दिया. स्वतंत्रता प्राप्त करने में लाखों भारतीयों ने कई बलिदान दिए और खून बहाया. स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेताओं को न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में श्रद्धा के साथ याद किया जाता है. देश भर में इस दिन राष्ट्रगान गाया जाता है और ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए जाते हैं. लोग अपने राष्ट्र और संस्कृति का जश्न मनाने के लिए राष्ट्रीय या स्थानीय लिबास पहनते हैं. पतंगबाजी भी एक स्वतंत्रता दिवस की परंपरा है, जिसमें सभी उम्र के लोग पतंग उड़ाते हैं जो इस दिन हमें मिली आजादी के जश्न माना जाता है.

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